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त्रिवेंद्र सरकार ने राज्‍य में फिल्म ‘केदारनाथ’ के प्रदर्शन पर लगाई रोक

त्रिवेंद्र सरकार ने राज्‍य में फिल्म ‘केदारनाथ’ के प्रदर्शन पर लगाई रोक

उत्‍तराखंडः सूबे की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने राज्‍य में फिल्म ‘केदारनाथ’ के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के मुताबिक राज्य सरकार ने जिलाधिकारियों को शांति-व्‍यवस्‍था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पूरे राज्‍य में फिल्‍म केदारनाथ के प्रदर्शन पर बैन लगा है। इससे पहले राज्य सरकार ने सतपाल महाराज की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। समिति की सिफारिश पर राज्‍य सरकार ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाई है।

 

त्रिवेंद्र सरकार ने राज्‍य में फिल्म ‘केदारनाथ’ के प्रदर्शन पर लगाई रोक
त्रिवेंद्र सरकार ने राज्‍य में फिल्म ‘केदारनाथ’ के प्रदर्शन पर लगाई रोक

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सतपाल महाराज ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि कमिटी ने अपनी सिफारिश सीएम को भेज दी है। इस पर फैसला किया है कि कानून-व्‍यवस्‍था की समीक्षा की जानी चाहिए। जिलाधिकारियों से कहा है कि शांति व्‍यवस्‍था बनाए रखें। सभी ने केदारनाथ मूवी को बैन करने का फैसला किया है। यह फिल्‍म राज्‍य में हर जगह बैन है। मालूम हो कि इससे पहले उत्तराखंड हाई कोर्ट ने गुरुवार को फिल्म ‘केदारनाथ’ की रिलीज पर रोक लगाने से मना कर दिया था।बता दें कि फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत और अपना फिल्मी सफर शुरू कर रहीं सारा अली खान मुख्य भूमिका में हैं।

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गौरतलब है कि गढ़वाल के स्वामी दर्शन भारती ने मांग की थी कि फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। हाई कोर्ट ने कहा कि भारती को अपनी शिकायत के साथ रुद्रप्रयाग जिला मैजिस्ट्रेट के पास जाना चाहिए।उत्तराखंड के अलावा बॉम्बे और गुजरात हाई कोर्ट में फिल्म को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई थी। हलांकि इस फिल्म को खारिज कर दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन की एकल पीठ को बताया गया कि फिल्म को प्रतिबंधित कर देना चाहिए क्योंकि यह हिंदू भावनाओं को चोट पहुंचाने के अलावा उन लोगों को भी आघात पहुंचाती है, जो 2013 में आई बाढ़ से प्रभावित हुए थे।

गौरतलब है कि 2013 में आई बाढ़ ने केदारनाथ घाटी को तहस नहस कर दिया था। याचिकाकर्ता की दलील थी कि यह फिल्म मुस्लिम लड़के और हिंदू लड़की के बीच विवाह का संकेत देकर ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा देती है। इस आपत्ति के मद्देनजर राज्य सरकार ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता वाली एक समिति गठित की थी। इसमें गृह सचिव नितेश कुमार, पुलिस महानिदेशक अनित रतूड़ी और पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर शामिल थे।

महेश कुमार यादव

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