featured दुनिया

अमेरिकी राष्ट्रपति ने देश में परिवारों से उनके बच्चों को अलग रखने के फैसले पर लगाई रोक

03 54 अमेरिकी राष्ट्रपति ने देश में परिवारों से उनके बच्चों को अलग रखने के फैसले पर लगाई रोक

वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने देश में अवैध तरीके से दाखिल हो रहे परिवारों से उनके बच्चों को अलग रखने के फैसले पर रोक लगा दी है। बीते 6 हफ्ते में करीब 2500 बच्चे अपने माता-पिता से अलग किए गए थे। ट्रम्प ने बुधवार को नए आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा कि परिवारों को बिछड़ते देख उन्हें अच्छा नहीं लगता। पत्नी मेलानिया और बेटी इवांका भी इसके खिलाफ थे। नया आदेश परिवारों को एक साथ रखने का है। अमेरिकी मीडिया का कहना है कि ट्रम्प अपने देश में लागू किसी नीति पर पहली बार झुके हैं। सीएनएन के मुताबिक, हो सकता है कि ट्रम्प पत्नी और बेटी के दबाव में झुक गए और इसी वजह से उन्हें प्रवासी परिवारों के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति बदलनी पड़ी।

03 54 अमेरिकी राष्ट्रपति ने देश में परिवारों से उनके बच्चों को अलग रखने के फैसले पर लगाई रोक

परिवारों को एक साथ रखने जा रहे हैं

बता दें कि ट्रम्प ने कहा कि हम परिवारों को एक साथ रखने जा रहे हैं ताकि सारी समस्याएं खत्म हो जाएं। हमारे पास मजबूत सीमा है। इन पर सुरक्षा पहले की तरह ही बनी रहेगी। प्रवासियों की समस्या पुरानी है। पिछली सरकारों ने इस पर कोई काम नहीं किया। हम इस पर काम कर रहे हैं। हम बच्चों को उनके माता-पिता से अलग नहीं करना चाहते हैं, लेकिन इसके साथ ही ये भी चाहते हैं कि कोई हमारी सीमा में गैरकानूनी तरीके से दाखिल नहीं हो।’’

वहीं विरोध की वजह से बदला फैसला: सोमवार को ट्रम्प ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि प्रवासी लोग हत्यारे या चोर भी हो सकते हैं। हम सुरक्षित देश चाहते हैं और इसकी शुरुआत बॉर्डर से होगी। इसलिए जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। ट्रम्प की इस नीति का पूरे अमेरिका में विरोध हो रहा था। यहां तक की ट्रम्प की पत्नी मेलानिया के ऑफिस की तरफ से बयान में कहा गया था, ‘बच्चों को उनके परिवार से अलग करने के फैसले से नफरत हो रही है।’ पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश की पत्नी लॉरा ने इसे क्रूर पॉलिसी बताया था। ट्रम्प की पार्टी के कई सांसदों ने भी जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर ऐतराज जताया था।

साथ ही बेटी ने कहा कि शुक्रिया : ट्रम्प के नए आदेश पर बेटी इवांका ने ट्वीट किया- हमारी सरहदों पर परिवारों को अलग करने का फैसला बदलने के लिए शुक्रिया। संसद को अब ऐसा स्थायी समाधान ढूंढना चाहिए जो हमारे साझा मूल्यों के अनुरूप हो। ये समाधान उन्हीं मूल्यों पर हो, जिन्हें देखकर कई लोग अमेरिका में अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए आते हैं।

Related posts

गुजरात में बाढ़ का कहर, हजारों लोगों का किया गया रेस्क्यू

Pradeep sharma

स्मृति ईरानी को सूचना प्रसारण मंत्रालय का जिम्मा, नरेन्द्र तोमर को शहरी विकास

Srishti vishwakarma

तुर्की में जनमत संग्रह से राष्ट्रपति एर्दोगन का हुआ एकाधिकार, बढ़ी शक्तियां

kumari ashu