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झारखंड : महज 22 साल की उम्र में समाज को त्याग कर बन गई जैन सन्यासनी

bhagwan mahaveer 650 070114073158 झारखंड : महज 22 साल की उम्र में समाज को त्याग कर बन गई जैन सन्यासनी

धनबाद। झारखंड के फतेहपुर झारिया की रहने वाली 22 साल की परी ने अपनी धन-दौलत और इस समाज को त्याग कर सन्यासनी का चोला पहन लिया है। परी को दीन-दुनिया से उसे ऐसी विरक्ति हुई कि चमक-दमक को छोड़ उसने मोक्ष की रान में मन लगा लिया। सीए की पढ़ाई कर रही महज 22 साल की परी ने संसार से नाता तोड़कर सन्यासी बनने का संकल्प लिया है। गुजराती जैन समाज के मिलन मेहता और बीना महता की पुत्री परी अब जैन साध्वी बन गई है।  मुमुक्षु के साथ वे रविवार को मुंबई प्रस्थान करेगी। चार फरवरी को नम्र मुनि से परी व अन्य लोग भी दीक्षा लेंगे।bhagwan mahaveer 650 070114073158 झारखंड : महज 22 साल की उम्र में समाज को त्याग कर बन गई जैन सन्यासनी

शनिवार को फतेहपुर जैन उपाश्रय से बरसीदान महोत्सव के अवसर पर गाजे-बाजे के साथ जैन समाज के लोगों ने नगर भ्रमण किया। परी ने अपने हिस्से की धन, दौलत, जेवरात, चावल, सुपाड़ी एक पोटली में बांधकर लुटा दिए। परी के साथ राजकोट व मुंबई से आई दो मुमुक्षु भी थीं। परी को आशीष देने उनकी 105 वर्षीय परदादी भी व्हील चेयर पर आई थीं। उनकी आंखें भी भावनाओं के ज्वार में बह गई। जबकि उसके माता-पिता को भी बेटी के इस कदम पर गर्व था। मोक्ष की राह में बढ़ चली परी की आंखें चमक रहीं थीं।

मेन रोड, चार नंबर, लाल बाजार, लक्ष्मीनिया मोड़, सब्जी पट्टी, बाटा मोड़ होते हुए जुलूस नई दुनिया नंदवाणा समाज भवन पहुंचा। यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। जैन समाज झरिया के अध्यक्ष दीपक उदानी ने कहा समाज के अध्यक्ष के लिए इससे बड़ा कोई अवसर नहीं कि उसके समाज की बेटी दीक्षा ले रही है।

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