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निर्भया रेप केस को पूरे हुए पांच साल, कब बदलेगी तस्वीर…

nirbahay निर्भया रेप केस को पूरे हुए पांच साल, कब बदलेगी तस्वीर...

नई दिल्ली। 16 दिसंबर…..भारत में वैसे तो तारीखें अक्सर किसी ना किसी घटना की चश्मदीद रहीं हैं, लेकिन कुछ तारीखें ऐसी होती हैं जो जख्मों को ताजा कर देती हैं। ऐसी ही एक तारीख थी 16 दिसंबर 2012। ये तारीख थी उस वीभत्स घटना की जिसकी कल्पना करने पर भी किसी की रुह कांप जाए। ऐसे एक घटना को अंजाम दिया गया था। निर्भया के साथ 6 दरिंदों ने बलात्कार जैसा संगीन जुर्म किया था।

अपने दोस्त के साथ सफर कर रही निर्भया को 16 दिसंबर की रात बस चालक और उसमें सवार चार यात्री और एक नाबालिग ने अपनी हवस का शिकार बना लिया। जिस तरह से बलात्कार किया गया उसे समझ पाना भी मुश्किल है। निर्भया के साथ सिर्फ रेप ही नहीं हुआ बल्कि उसके शरीर को बहुत बुरी तरह से चोट भी पहुंचाई गई। जब उसके साथ पुरी तरह खिलवाड़ कर लिया गया तो निर्भया को उसके दोस्त के साथ चलती बस से बाहर फेंक दिया गया।nirbahay निर्भया रेप केस को पूरे हुए पांच साल, कब बदलेगी तस्वीर...

बाहर फेंकने के बाद उस पर बस भी चढ़ानी चाही, लेकिन निर्भया के दोस्त ने उसे बचा लिया। 13 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच झुलती निर्भया ने आखिर में मौत को गले लगा लिया। बलात्कार की घटना तो आम बात है। ये सोचकर सो जानी वाली जनता निर्भया के साथ हुए इस जघन्य अपराध पर जाग गई। जागने के साथ जनता अक्रामक हो गई। बहुत सालों के बाद दिल्ली में जनआंदोलन देखने को मिला जहां हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए।

इस आंदोलन को लेकर बहस और चर्चाएं इतनी बढ़ गईं की रेप पर नए कानून बनने लगे। निर्भया रेप केस को पांच साल पूरे होने पर सुप्रीम कोर्ट के वकील अशोक अग्रवाल ने बताया कि जो कानून बनाए गएं है वो महिलाओं के लिए कहां तक सही हैं। इस पर बात करते हुए अशोक अग्रवाल ने कहा कि कानून तो बने हैं, लेकिन लोगों को माइंड सेट या कहें मानसिकता उसमें बदलाव नहीं आया है। हालांकि कानून के चलते दिल्ली में 3 प्रतिशत तक रेप कम हुए हैं। जो आंदोलन हुए उससे कानून बन गया और इसके चलते ये बात भी सामने आ गई है कि लोगों में जागरुकता आ गई है। कुछ जो स्थितियां हैं वो लोगों को खुद ही ठीक करनी होगी।

अशोक अग्रवाल ने पढ़ाई को मुख्य मुद्दा बनाकर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि जो स्कूल नहीं गया उसे कई तरह की जानकारी नहीं मिल पाती है। अगर पढ़ाई बेहतर ढंग से हो तो अपराध में कमी लाई जा सकती है। जरुरी है कि लड़कियों को जागरुक बनाया जाए। बच्चों को सेक्स शिक्षा दी जाए जिससे वो समझ पाए कि क्या सही है क्या गलत।

इन सारी बातों के बीच अभी भी निर्भया के 4 दोषी जेल में हैं। रामसिंह ने जेल में ही फांसी लगाकर जान दी थी वहीं नाबालिग को कुछ दिन जुवेनाइल में रखकर खुला छोड़ दिया गया। निर्भया के साथ हैवानियत करने वाले 6 आरोपियों में से चार वयस्क आरोपियों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है।एक दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में फांसी की सजा बरकरार रखने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की।

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