नई दिल्ली। दुबला पतला शरीर एक मात्र हड्डी का ढांचा और चाल ऐसी की जवान भी देखकर दंग रह जाएं। शरीर पर एक कपड़ा और दिल में देश की आजादी का अरमान तो आंखों में बड़े सपने ये थे महात्मा गांधी हम सब के बापू जी हां बापू के बारे में कहा जाता है कि वो अपने संतुलित जीवन में एक व्यवस्थित आहार की व्यवस्था से इतनी उम्र के बाद भी पूरी तरह से फिट थे। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बापू अपनी दिनचर्या और आहार से कोई समझौता नहीं करते थे। उनका मानना था कि अगर हर मनुष्य अपने जीवन में संतुलित आहार और सभी भोजन की डायट लेता है तो उसे कभी कोई बड़ा रोग घेर ही नहीं सकता ।
कहा जाता है कि बापू अपनी डायट के बारे में देश और विदेश के फूट और डाइट एक्सपर्टों से सलाह भी लेते रहते थे। इसके साथ ही वो अपने इस डाइट को लेकर खुद भी सजग रहते थे। गांधी जी अपने भोजन में शाकाहार लेते थे। उनका मानना था कि शरीर को स्वस्थ रखना है तो हम सभी को शाकाहार पर चलना होगा। तो आईए जानते है बापू की क्या थी डाइट…
बापू रोज सुबह और शाम नीबू पानी के साथ शहद का प्रयोग करते थे। उनका मानना था कि इससे शरीर में टॉक्सिन्स और एक्स्ट्रा फैट निकल जाते हैं और हमारे शरीर को नई एनर्जी मिलती है। इसके साथ गांधी जी सुबह के नाश्ते में रोज करीब 90 ग्राम अंकुरित गेहूं या चना लेते थे। इस बारे में उनका विचार था कि इसमें मौजूद फाइबर्स शरीर का पाचन तंत्र व्यवस्थित रखते हैं। इसके साथ इसमें पाए जाने वाले न्यूट्रिएंट्स आपको रोग प्रतिरोध की क्षमता बढ़ा देते हैं।
इसके साथ ही बापू रोजाना करीब 11 ग्राम बादाम के साथ 90 ग्राम बादाम का हलवा खाते थे। इस बारे में वो कहते थे ये डाइट हार्ट से जुड़ी बिमारियों की रोकथाम करने के साथ मधुमेह जैसे रोगों के लिए बहुत फायदेमंद है। हरी सब्जियों के तो बापू दिवाने थे । उनको खीरा,दूधी,चकवट,लूनी, सरसों का साग, मूली का साग जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां बहुत अच्छी लगती थी। वो रोज करीब 90 ग्राम इन सभी सब्जियों को खाते थे। उनका कहना था कि इन हरी सब्जियों में कैल्शियम, फाइबर केसाथ ऑख्सीडेंट्स और आयरन मिलते हैं। इसके साथ ही हरी सब्जियों में कई तरह के विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। ये सभी रोग-प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाने के साथ हमें कई स्वस्थ समस्याओं से बचाते हैं।
गांधी जी की डाइट में शहद का जिक्र ना आये ये तो संभव ही नहीं है वो रोज करीब 28 ग्राम शहद खाते थे। उनका मानना था कि शहद से कई बड़ी बिमारियों से निजात मिलने के साथ हमें ऊर्जा और रोगप्रतिरोध क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है। गांधी जी अपनी डाइट में 45 ग्राम किशमिश को जरूर शामिल करते थे। क्योंकि वो इसके कई गुणों से वाकिफ थे। उनका कहना था कि इससे ह्रदय की समस्याओं का बचाव तो होता ही है साथ ही यह हड्डियों को मजबूत भी बनाता है। इसके साथ ही गांधी जी की डाइट में दूध जरूर शामिल रहता था। वो करीब दिन भर में 200 मिलीलीटर दूध पीते थे। इस बारे में वो कहते थे कि इसमें मौजूद कैल्शियम और मिनरल्स दांतों के साथ हड्डियों के लिए फायदेमंद हैं। गांधी जी की डाइट में घी भी शामिल था। इसको लेकर वो कहते थे कि इससे आंखों की रोशनी और मसल्स को एनर्जी मिलती है।
गांधी जी की डाइट में फलों का जिक्र भी है। फलों में मौजूद विटामिन, फाइबर और मिनरल्स के चलते वो रोजाना करीब 230 ग्राम फलों को भी अपनी डाइट में शामिल करते थे। इसको लेकर उनका कहना था कि यह वीपी को नार्मल रखता है। इसके साथ ही यह स्वस्थ की कई समस्याओं को दूर करने में मददगार होता है। इसके अलावा वो रोज अपनी डाइट में कोकोनेट मिल्क को भी शामिल करते थे। वो रोज करीब 900 मिलीलीटर कोकोनेट मिल्क पीते थे। इसका फायदा था कि वो एनर्जीफुल रहते थे।