कुआलालुम्पुर। भड़काउ भाषण, इस्लामिक कट्टरता और धर्म परिवर्तन के आरोप में फंसे मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाइक को मलेशिया ने अपने यहां शरण दे दी है। उसे मलेशिया की एक मस्जिद में से निकलते हुए देखा गया था और कई लोग उसके साथ तस्वीरे खींचवाने के लिए उतावले हो रहे थे। जाकिर नाइक का मलेशिया में मिलना ये प्रमाण माना जा रहा है कि उसे वहां की नागरिकता मिल चुकी है और वहां सरकार कट्टर इस्लाम को बढ़ावा देने की फिराक में है, जोकि वहां के नए पीएम नजीब रज्जाक की सरकार के आने के बाद शुरू हुआ है।
बताया जाता है कि साल 2013 में जाकिर नाइक की लोकप्रियता कम हो गई थी, जिसे बढ़ाने के लिए उसनवे मलय-मुस्लिम समुदाय को बढ़ावा देने का काम शुरू कर दिया था। ये सब 2018 में वहां होने वाले चुनावों के मद्देनजर किया जा रहा है। 52 वर्षिय जाकिर नाइक अपने भाषणों को लेकर चर्चा में रहा है। अपने भाषणों में उसने कथित रूप से समलैंगिकों और इस्लाम को छोड़ने वालों को जान से मारने की सजा देने कीबाद कही थी। वहीं एक यूट्यूब वीडियों में उसने ओसामा बिन लादेन को भी सपोर्ट किया था।
गौरतलब है कि हाल ही में भारत की आंतकरोधी एजेंसी एनआई ने जाकिर के खिलाफ चार्जशीट तैयार की है। इसमें जाकिर को भारत में अपने भाषणों के द्वारा दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने के लिए जिम्मेदार बताया गया है। जानकारों का मानना है कि मलेशिया ने जाकिर को इसलिए अपने यहां रहने की जगह दी है क्योंकि वह वहां के लोगों के बीच काफी मशहूर है। ऐसे में अगर सरकार उसको वहां से बाहर निकालने की सोचेगी तो उसका एक बड़ा वोट बैंक उसके खिलाफ हो जाएगा।