लखनऊ। यूपी में किराए पर मकान देने वाले मकान मालिकों को अब और मेहनत करनी होगी। किराया प्राधिकरण की ओर से बनाए जा रहे इस नए नियम से विवादों के निपटारे में आसानी होगी।
नए नियम के मुताबिक अब मकान मालिकों को किराया प्राधिकरण को अपनी और किराएदारों की पूरी जानकारी देनी होगी। मकान मालिकों को यह पूरी जानकारी देनी होगी कि उसने कितने रूपए में किरायेदार को रखा है। कितने लोग रह रहे हैं।
मकान मालिक और किरायेदार के बीच एक अनुबंध होगा। जिसमें ये पूरी जानकारी देनी होगी। साथ ही उस अनुबंध पर मकान मालिक और किरायेदार दोनों की फोटो होगी। साथ ही दोनों के हस्ताक्षर भी होंगे।
इसको लेकर आवास विकास ने किराये के करारनामे का प्रारूप भी जारी कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि आवास विकास के इस नए कदम से मकान मालिकों और किराएदारों के बीच होने वाले विवादों का कानूनी निस्तारण करने में आसानी होगी।
ये जानकारी देनी होगी अनिवार्य
शहरों में मकान मालिकों को किरायेदार रखने से पहले आवास विकास के इन नियमों का पालन करने की जिम्मेदारी भी होगी। आवास से जारी प्रारूप में किरायेदार का नाम, उसका अस्थाई पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी देना होगा।
साथ ही किरायेदार जहां रहा है उस परिसर का पूरा विवरण भी देना होगा। मसलन, कितने कमरे हैं, लॉन है कि नहीं, कौन सा फ्लोर है आदि। इतना ही नहीं किराएदार किस तारीख को आकर रहने लगा है। साथ किराए पर दिए गए मकान में क्या क्या सुविधाएं हैं। जैसे- फर्नीचर, बिजली के उपकरण समेत दूसरे संसाधनों का भी जिक्र करना अनिवार्य होगा।
इतना ही नहीं अब बिजली शुल्क, पानी का बिल, कमरे की सजावट, फिटिंग्स आदि सेवाओं की भी पूरी जानकारी देनी होगी। साथ ही यह भी बताना होगा कि किराएदार को कितने दिन के लिए कमरा दिया जा रहा है।
किराया प्राधिकरण का जल्द होगा गठन
आवास विकास इन सारी चीजों की मॉनिटरिंग के लिए किराया प्राधिकरण का गठन करेगा। इस प्राधिकरण को गठित करने के पीछे की मंशा है कि मकान मालिकों और किराएदारों के बीच होने वाले विवादों को निपटारा हो सके। उसके लिए ये नियम बाद में दस्तावेज के रूप में माने जाएंगे।