भारत रत्न,पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज जयंती है। वाजपेयी की जयंती के मौके पर देश उन्हें याद कर रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी पूर्व प्रधानमंत्री, प्रखर राजनेता और ओजस्वी वक्ता थे। अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री पहली बार वर्ष 1996 में 16 मई से 1 जून तक रहे। दूसरी बार 19 मार्च 1998 से 26 अप्रैल 1999 तक और फिर 13 अक्टूबर 1999 से 22 मई 2004 तक देश के प्रधानमंत्री रहे हैं। इतने सक्रिय राजनीतिक जीवन बिताने के बाद भी वह सभी के चहेते और आजात शत्रु नेता के तौर पर लोक प्रिय रहे।राजनीतिक जीवन में विपक्षी भी उनके व्यक्तित्व की सराहना करते थे।
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भारतीय जनसंघ की स्थापना में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अटल जी 1968 से 1973 तक जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे हैं। अटल आजीवन राजनीति में सक्रिय रहे। अटल बिहारी वाजपेयी ने काफी समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि पत्र-पत्रिकाओं के सम्पादन भी किया है। वाजपेयी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित प्रचारक थे। इसी कारण उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लिया था। देश के प्रधानमंत्री बनने तक अपने इस संकल्प को पूरी निष्ठा से निभाया। अटल बिहारी वाजपेयी की कहीं बतें पूरे देश के लोगों को प्रेरणा देती हैं।अटल जी कवि भी थे। उनकी कविताएं निराशाओं में आशा की किरण जगाने वाली हैं।
आइए यहां आपको अटल बिहारी वाजपेयी के कुछ खास विचारों से रूबरू कराते हैं। वाजपेयी जी के इन विचारों को अपना कर कोई भी अपने जीवन में सार्थक बदलाव ला सकता है।
अटल जी के 10 महान विचार..
“छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता”
“जीत और हार जीवन का एक हिस्सा है, जिसे समानता के साथ देखा जाना चाहिए”।
“अगर भारत धर्मनिरपेक्ष नहीं है, तो भारत बिल्कुल भारत नहीं है’।
”होने, ना होने का क्रम, इसी तरह चलता रहेगा।हम हैं, हम रहेंगे, ये भ्रम भी सदा पलता रहेगा।”
‘मैं हमेशा से ही वादे लेकर नहीं आया, इरादे लेकर आया हूं।”
”लोकतंत्र एक ऐसी जगह है जहां दो मूर्ख मिलकर एक ताकतवक इंसान को हरा देते हैं।”
”मेरे पास ना दादा की दौलत है और ना बाप की. मेरे पास मेरी मां का आशीर्वाद है।”
”आप मित्र बदल सकते हैं पर पड़ोसी नहीं। ”
”क्यों मैं क्षण-क्षण में जियुं..? कण-कण में बिखरे सौंदर्य को पियूं..?”
‘गरीबी बहुआयामी है यह हमारी कमाई के अलावा, स्वास्थ्य राजनीतिक भागीदारी, और हमारी संस्कृति और सामाजिक संगठन की उन्नति पर भी असर डालती है।”
आपको बता दें कि दिल्ली में आज ‘सदैव अटल’ स्मृति स्थल पर खास कार्यक्रम कर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती के मौके पर श्रद्धांजलि दी जा रही है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी श्रद्धांजलि दी है।आपको बता दें कि ‘सदैव अटल’ स्मारक स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में पंकज उधास ने भजन गाया। अटल जी की मुंहबोली बेटी नमिता भट्टाचार्य ने भी उनको पुष्पार्पण कर श्रद्धांजलि दी।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, लालकृष्ण आडवाणी और कैबिनेट के कई मंत्री भी श्रद्धांजलि समारोह में शामिल हुए। इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर अटल बिहारी वाजयेपी को श्रद्धांजलि दी थी। पीएम मोदी ने वीडियो में अटल की तस्वीरें, उनकी खासियत एवं राजनीतिक जीवन का जिक्र किया।