लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शुक्रवार को 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट विधानसभा में पेश किया। इस सरकार का यह दूसरा बजट है। पहले बजट की तुलना में यह 11.4 प्रतिशत अधिक है। इस बजट में 14 हजार 341 करोड़ रुपये की नयी योजनायें शामिल की गयी हैं। बजट में ग्राम विकास, कृषि, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया है। मुख्यमंत्री ने बजट से पहले लोकभवन में कैबिनेट की बैठक की। इसमें बजट प्रस्तावों पर मुहर लगी। प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ, जब बजट पेश होने के ठीक पहले कैबिनेट मीटिंग बुलाई गई।
बता दें कि वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि बजट समाज के हर वर्ग और राज्य के हित में होगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, सडक एवं बिजली जैसे क्षेत्रों का ध्यान रखा जाएगा। बजट में जोर किस बात पर रहेगा, इस सवाल पर अग्रवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश की कोई एक ऐसी योजना बता दीजिए, जिसके लिए धन आवंटित ना किया गया हो। उन्होंने कहा, ‘हमने एक बात जरूर की है, जो पहले नहीं होती थी। वह यह कि फरवरी तक, खर्च एक एक रूपये का ब्यौरा आ गया है। हमने स्पष्ट कर दिया था कि अगला धन आबंटन तभी होगा, जब पूर्व के धन का हिसाब मिल जाएगा।
वहीं सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने पिछले साल 3,84,659 करोड रुपये का बजट पेश किया था। किसान कर्ज माफी के चुनावी वायदे को पूरा करने के लिए 36 हजार करोड़ रुपये का विशेष प्रावधान किया गया था। किसान कर्ज मांफी बीजेपी का बडा चुनावी वायदा था और इसे पूरा करना योगी सरकार के लिए एक चुनौती थी।