फतेहपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए अफसरो पर डंडा चला रहे हैं। लेकिन सीएम योगी की कोशिशों के बाद भी अफसर कितने झूठे मक्कार हैं इसका अंदाजा लगाना आसान नहीं है। ताजा मामला फतेहपुर जिले का है जहां दुष्कर्म के मामले में जिले के दो जिम्मेदार अफसर अपने बड़बोले बोल से तीरंदाजी का दावा कर योगी सरकार की पोल खोल रहे हैं। इन अफसरों के इस आधी हकीकत आधा फसाना की रोमांचक कहानी को पहले आपने न सुना होगा न देखा होगा लेकिन जब देख लेंगे तो आपका विस्वास पुलिस से टूट जाएगा। फतेहपुर जिले की एक ऐसी महिला जो बिहार प्रान्त से कोसों दूर चलकर फतेहपुर जिले में इज्जत की दो रोटी कमाने के लिए कोतवाली क्षेत्र के ताबेश्वर मंदिर के निकट एक किराए का कमरा लेकर रहने लगी बतौर रोजगार के रूप में उसे एक होटल में रोटी पकाने का काम मिला।
25 जून को वो होटल से शाम के वक्त घर जा रही थी तभी रास्ते मे बाइक सवार युवक ने उसे लिफ्ट देकर बाइक में बैठा लिया घर वाले रास्ते मे जाने के बजाय जब वो दूसरे रास्ते जाने लगा तो पीड़िता ने शोर मचाया लेकिन युवक ने उसके साथ सुनसान जगह जाकर दुष्कर्म किया। पीड़िता का 12 दिन बीत जाने के बाद मुकदमा तक दर्ज नहीं हुआ इतना ही नहीं कोतवाली गई पीड़िता को धंधे वाली बोलकर पुलिस ने थाने से ही टरका दिया।
भटकती पीड़िता के मामले में जिले के पुलिस कप्तान की सुनिए तो एसपी खुद बोल रहे है कि पीड़िता का मुकदमा दर्ज कर डाक्टरी करा कार्रवाई की जा रही है। तो उनके मातहत डिप्टी एसपी कुछ और ही राग अलाप रहे हैं। डिप्टी एसपी की माने तो पीड़िता की जांच की गई मामला फर्जी पाया गया। पीड़िता के साथ जो कुछ हुआ उसे वो बया कर रही हैं लेकिन योगी सरकार के अफसर कितने झूठे निट्ठल्ले है। योगी सरकार के अपराध नियंत्रण के दावे कितने सफल होंगे यह तो वक्क्त ही बताएगा। फिलहाल अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत सामने जिस तरह से दिख रही है उससे सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है |