हरदोई। सरकारी नौकरी पाने के बाद, क्या लोगों मे संवेदनाये मर जाती है, अगर नहीं तो आप बिलकुल गलत सोच रहे है। हरदोई जिला अस्पताल में योगी सरकार की छवि जनता के बीच में इस बात को लेकर खराब हो रही है कि जिला अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी और डॉक्टरो का जमीर मर चुका है। सरकार ने जनता से किया वादा श्याद ये डॉक्टर भूल चुके है कि जब अस्पताल की सड़क के किनारे दर्द से तड़प रहे एक मरीज से लोगों ने वजह पूछी तो तब लोगों का गुस्सा सरकार और डॉक्टर के खिलाफ उस समय भड़क गया, जब पीड़ित मरीज के परिजनों ने बताया कि उसके बेटे को डॉक्टरों ने हाथ लगाना तो दूर, ये कहकर इमरजेंसी से लौट दिया कि यहां पर बेड खाली नही हैं।

गांव से कोसो की दूरी पर शहर आए सरकार के अच्छे इलाज का दिल में सपना लेकर सिर्फ सपना ही रह गया और गांव से आया वो बेबस परिवार अपने बेटे को लेकर घण्टों अस्पताल की सड़क के किनारे बैठा रहा, मगर अस्पताल प्रशासन के किसी जिम्मेदार अधिकारी की नजर उधर नही घूमी, जब मीडिया कर्मियों के कैमरे की नजर उन बेबस परिवार पर पड़ी, तो पूरे अस्पताल में हड़कम्प मच गया। हरकत में आए स्वस्थ्य कर्मियों ने आनन-फानन में उसको उठाकर इमरजेंसी इलाज के लिए ले गए।
ये पूरा मामला हरदोई जिला अस्पताल का है। जहां पर अरवल थाना क्षेत्र निवासी रामनरेश शुक्ला अपने 17 वर्षीय बेटे आकाश शुक्ला को इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आए थे। आकाश के पेट मे बीती रात से भयंकर तरह से काफी दर्द हो रहा था। बेटे को लेकर रामनरेश शुक्ला सीधे इमरजेंसी पहुंचे, तो उन्होंने इमर्जेंसी में तैनात डॉ आदित्य झिंगरन को परेशानी बताई। तो डॉक्टर साहब ने बगैर देखे ही उनको इमरजेंसी से चलता हुआ, ये कह दिया कि उनके पास भर्ती करने लिए एक भी बेड खाली नहीं है, मरीज को कहीं और दिखाओ। डॉ आदित्य झिंगरन का आदेश मिलते ही इमरजेंसी में तैनात कर्मियों ने पीड़ित परिवार को इमरजेंसी के बाहर निकला खड़ा कर दिया।
जिसके बाद उनके बेटे की हालत और खराब होती जा रही थी। बेबस परिजन अस्पताल में उधर-इधर कर्मियों से इलाज की गुहार लगाते घूम रहे थे। मगर उनकी कोई सुनने वाला नहीं था। वो वहीं इमरजेंसी के बाहर सड़क के किनारे अपने बेटे को जमीन पर लिटा कर बैठे रहे। गर्मी और दर्द से अमित की हालत और खराब होती जा रही थी। जब मीडिया के कैमरे की नजर इस परिवार पर पड़ी तो हरकत आए सीएमएस 2Q1 रामवीर सिंह यादव ने इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों और कर्मचारियों को खड़ी फटकार लगई। जिसके बाद पूरी इमरजेंसी में हड़कम्प मच गया और स्वस्थ्य कर्मी ने मरीज को इमरजेंसी में भर्ती कर लिया। अब देखने की हात तो यब बै कि योगी सरकार सरकारी डाक्टरो का जमीर कैसे जिंदा करेगी।