लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में ये फैसला लिया है कि अब प्रदेश के प्राइवेट स्कूल अभिभावकों से मनमानी फीस नहीं वसूल कर पाएंगे। कैबिनेट में फीस को लेकर अहम प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है, जिसमें सरकार ने दावा किया है कि इस विधेयक के पास होने के बाद निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लग जाएगी। इस बात की जानकारी यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा और दिनेश शर्मा ने इस बात की जानकारी दी।
उन्होंने बताया की योगी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर नकेल कसने का फैसला लिया गया है। इस प्रस्ताव के तहत अब निजी स्कूल हर साल 7 फीसदी से ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकते और साथ ही 12वीं तक एक ही बार एडमिशन फीस लेने का प्रावधान भी सरकार करने जा रही है। शर्मा ने बताया कि विद्यालय के शुल्क लेने की प्रक्रिया पारदर्शी होगी और कोई भी स्कूल सिर्फ चार तरह से ही शुल्क ले सकेंगे।
उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के मताबिक अगर कोई वैकल्पिक सुविधा जैसे वाहन, होस्टल, भ्रमण और कैंटीन की सुविधा लेता है, तभी शुल्क देना होगा। हर तरह के शुल्क की रसीद देना स्कूलों के लिए अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि इन नियमों के दायरे में सीबीएससी और आईसीएससी बोर्ड द्वारा संचालित विद्यालयों को भी लिया गया है और साथ ही कोई भी स्कूल बच्चों की ड्रेस में पांच साल तक बदलाव नहीं कर सकेगा और न ही जूते-मोजे किसी दुकान से लेने के लिए बाध्य कर सकेगा।
शर्मा ने बताया कि निजी विद्यालय में किसी भी कमर्शियल कार्य से जो आय होगी, उसे विद्यालय की आय माना जाएगा। सरकार के इन फैसलों से अभिभावकों को राहत मिलने की उम्मीद है,वहीं सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि ऊर्जा विभाग की परीक्षा नियमावाली में संशोधन को लेकर एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। प्रस्ताव के मुताबिक, सहायक अभियंता की परीक्षा में अब साक्षात्कार 250 अंकों की बजाय केवल 100 अंकों का होगा, जबकि लिखित परीक्षा 750 अंकों का ही होगा।