लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दावे पर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने कहा कि सीएम योगी ने चार लाख नौकरियां देने का दावा किया है। यह पूरी तरह झूठा है और जनता की आंखों में धूल झोंकी जा रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार की रोजगार देने की कोई मंशा ही नहीं है। स्थिति तो यह है कि बीजेपीराज में युवाओं की आवाज सुनने वाला कोई नहीं है। युवा अब पूरी तरह हताश हो चुके हैं और अपनी समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान दिलाने के लिए किसी भी हद तक का जोखिम उठाने के लिए मजबूर हो गए हैं।
बेटियों का किया जा रहा दमन
पूर्व सीएम ने कहा कि परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 भर्ती में 22 हजार खाली पदों को जोड़ने की मांग की रही है। इसको लेकर राजधानी लखनऊ में करीब दो महीने से अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उनसे बात ही नहीं कर रही है। जबकि, एनसीईआरटी ऑफिस में नौकरी के लिए संघर्ष कर रहीं बेटियों का दमन किया जा रहा है।
जनता द्वारा चुनी गई किसी भी सरकार का सबसे शर्मनाक चेहरा
अखिलेश ने कहा कि जनता द्वारा चुनी गई किसी भी सरकार का यह सबसे शर्मनाक चेहरा है। उन्होंने एक बार फिर कहा कि बीजेपी को अपना संकल्प पत्र फिर से पढ़ना चाहिए। 2017 में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र के जरिए युवाओं से 70 लाख रोजगार का वादा किया था। इतना ही नहीं स्टूडेंट्स को फ्री लैपटॉप और फ्री इंटरनेट का भी झूठा वादा किया था।
युवाओं से माफी मांगे बीजेपी
सपा मुखिया ने कहा कि यूपी में पिछले साढ़े चार साल से सरकार चला रही बीजेपी को अपने झूठे वादों के लिए युवाओं से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि नई पीढ़ी का भविष्य खराब करने की जिम्मेदार मौजूदा योगी सरकार ही है। जिसने न तो विश्वविद्यालयों में शिक्षा के माहौल को सुधारा गया और ना ही बेरोजगारी को दूर करने के लिए सरकार ने किसी भी प्रकार का प्रयास किया।
बीजेपी की जुमलेबाजी को समझ गया है युवा
अखिलेश ने कहा कि बीजेपी की जुमलेबाजी को देश का युवा अच्छी तरह समझ चुका है। नौकरियों के लम्बित परिणाम, परीक्षा के पहले पेपर आउट होना, भर्तियों में व्याप्त भ्रष्टाचार से युवा पीढ़ी हताश हो रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और रोजगार हमेशा समाजवादियों की प्राथमिकता में रहा है। समाजवादी सरकार में ही नौजवानों की बेरोजगारी दूर हो सकती है। 2022 में युवा ही बदलाव के वाहक होंगे।