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कर्मचारी परिषद के इस दावे से मुश्किल में आ सकती है योगी सरकार

yogi adityanath कर्मचारी परिषद के इस दावे से मुश्किल में आ सकती है योगी सरकार

लखनऊ। पंचायत चुनाव में ड्यूटी के बाद कर्मचारियों की मौतों के आंकड़ों को लेकर उत्पन्न हुआ विवाद अब और गहरा होता जा रहा है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने दावा किया है कि सरकार का आंकड़ा गलत है। क्योंकि, झांसी प्रशासन ने आठ मई को एक लिस्ट जारी की थी कि जिसमें दस कर्मचारियों की कोरोना से मौत का हवाला दिया गया था। ऐसे में सरकार का आंकड़ा जहां पूरे प्रदेश में मात्र तीन है, वहीं झांसी प्रशासन का आंकड़ा उससे ज्यादा है।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष इं हरिकिशोर तिवारी ने बुधवार को इसकी जानकारी देते हुए सरकार पर आंकड़ों में हेरफेर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार के ही अधिकारी पहले कुछ और आंकड़ा देते हैं और उसके बाद अपने ही आंकड़ों के साथ हेरफेर करते हैं। यह सरकार के इशारों पर किया जा रहा है।

WhatsApp Image 2021 05 05 at 1.41.45 PM 1 कर्मचारी परिषद के इस दावे से मुश्किल में आ सकती है योगी सरकार
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष इं. हरिकिशोर तिवारी

उन्होंने कहा कि झांसी के जिला प्रशासन ने आठ मई को एक लिस्ट जारी की थी। जिसमें मृतकों का नाम, पता और मौत के कारणों का जिक्र किया गया था। उन्होंने बताया कि वह लिस्ट अब भी उनके पास है।

झांसी प्रशासन का लेटर कर्मचारी परिषद के इस दावे से मुश्किल में आ सकती है योगी सरकार
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का दावा है कि यह झांसी प्रशासन ने आठ मई को जारी किया था

इं हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि झांसी प्रशासन के मुताबिक दस शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने ऑन ड्यूटी जान गंवाई है। यह सरकारी तंत्र ही स्वीकार कर चुका है। जबकि, अब कहा जा रहा है कि पूरे प्रदेश में केवल तीन कर्मचारियों की मौत हुई है।

मृतकों की सूची कर्मचारी परिषद के इस दावे से मुश्किल में आ सकती है योगी सरकार
राज्य कर्मचारी परिषद का दावा है कि झांसी प्रशासन ने मृतकों की ये सूची जारी की थी

उन्होंने कहा कि यह हास्यास्पद स्थिति पैदा की गई है। सरकार के अधिकारी गुमराह कर रहे हैं। वह नहीं चाहते हैं कि मृतकों के परिवारों को उनका हक मिले। इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण क्या होगा। उन्होंने झांसी प्रशासन की ओर से आठ मई को जारी की गई लिस्ट भी साझा की है।

ये है पूरा विवाद

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने मंगलवार को मृतकों की पूरी सूची जारी की थी। उन्होंने दावा किया था कि कुल 1621 कर्मचारियों ने ड्यूटी के बाद अपनी जान गंवाई है। इन सभी की मृत्यु कोरोना होने की वजह से हुई है। जबकि सरकार का कहना है कि मात्र तीन कर्मचारियों की ही ड्यूटी के दौरान मौत हुई है। ऐसे में संघ के दावे और सरकार के आंकड़ों में जमीन-आसमान का अंतर साफ दिखाई दे रहा है।

शिक्षक संघ ने मांग की है कि मृतकों के परिवारों को एक-एक करोड़ रूपए और परिवार एक योग्य सदस्य को नौकरी दी जाए। उन्होंने कहा था कि सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए हमारे साथियों ने अपनी जान दांव पर लगाई गई थी। कई साथी असमय काल के गाल में समा भी गए। सरकार को इनका ध्यान देना चाहिए।

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