मेरठ। सीएम योगी आदित्यनाथ के सख्त मिजाज को देखकर मेरठ प्रशासन पूरी तरह से एक्शन में आ गया है। प्रशासन ने सभी कान्वेंट स्कूलों को आदेश दिए है की वो फीस वृद्धि पर रोक लगाए और वो पिछले पांच साल का पूरा ब्यौरा पेश करे, साथ ही मनमानी करने वाले स्कूलों को सुधाने की हिदायत भी दी है।
बता दें कि हर वर्ष स्कूलो में होने वाली फीस वृद्धि से अभिभावक पूरी तरह से परेशान है , हर वर्ष 12 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाती रही है, जबकि व्यक्ति की आय 2 से 4 प्रतिशत भी बढ़ती है, या नहीं भी बढ़ती है, ऐसे में विभिन तरीको से सकूलो ने मनमाने ढंग से अभिभावको की जेब पर पूरी तरह से डाका डाल रखा था।
अब प्रदेश में सरकार बदलते ही जिलों का प्रशासन भी बदलने लगे। सीएम योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में मामला आया तो, सी एम् ने सख्त आदेश कर दिए कि फ़ीस नियंत्रण में लाइ जाए और बकायदा इसके लिए रणनीति भी बनायीं जा रही है।
अभी लिखित में कोई फैसला तो नहीं आया लेकिन टीवी चैनल पर सीएम का साक्षात्कार देखकर ही प्रशासन समझ गया और मेरठ में प्रिंसिपल व स्कूल प्रबंधन के साथ बैठक कर सख्त निर्देश दिए गए। अधिकारियों की मानें तो फीस के साथ साथ कई समस्या बनी हुई थी।
अधिकारियों ने आदेश दिए है कि कोई भी स्कूल बिना बताए फीस नहीं बढ़ा सकेगा। साथ ही कई प्रतिशत छूट भी दी जाएगी और तीन साल तक कोई भी स्कूल ड्रेस नहीं बदल पाएगा। साथ ही पुरानी किताबो को अपने से छोटी क्लास के बच्चो को डोनेट भी किया जा सकेगा। इसके अलावा स्कूल वाहन भी नियमो को देखते हुए चलाए जाएंगे सबसे बड़ी बात ये कि स्कूलों से पिछले पांच साल का पूरा ब्योरा मांगा गया है। जिससे पता चल सकेगा कि स्कूल टीचरों को कितनी सेलरी देते है।
इसके अलावा अब टीचरों को सेलरी भी ऑनलाइन दी जाएगी जिसका रिकॉर्ड भी स्कूल अपने पास रखेंगे, उधर अगर इन आदेशों को कोई अगर नहीं मानता उनके खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है।
शानू भारती, संवाददाता