लखनऊ। लोकसभा चुनावों से पहले धुर विरोधियों- समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ आने से उत्तर प्रदेश में समीकरणों के प्रभावित होने के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुताबिक यह गठबंधन 23 मई से पहले ही टूट जाएगा। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में उन्होंने यह तंज तक कस डाला कि दोनों दलों के कार्यकर्ता एक-दूसरे पर ही हमला कर बैठेंगे और उनका प्रशासन इसके बाद होने वाली हिंसा से निपटने की तैयारी कर रहा है। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से पार्थ मैत्रा और नेहा लालचंदानी की बातचीत:
सवाल: आपके घरेलू मैदान गोरखपुर में हाल ही में एक रैली के दौरान दोनों मायावती और अखिलेश यादव ने कहा कि वे तब आराम से नहीं बैठेंगे जब तक आपको लखनऊ की गद्दी से हटाकर वापस मठ में नहीं भेज देंगे। आप इस पर क्या प्रतिक्रिया देंगे?
जवाब: गठबंधन 23 मई को नतीजे आने से पहले ही टूट जाएगा और एसपी-बीएसपी काडर एक-दूसरे के खून का प्यासा हो जाएगा। इंतजार करिए और देखिए कि कैसे बुआ (मायावती) और बबुआ (अखिलेश) एक-दूसरे पर हमला करेंगे। मुझे मेरे कानून-व्यवस्था तंत्र को निर्देश देने पड़े हैं कि सतर्क रहें और खूनखराबा रोकें।
सवाल: अखिलेश यादव ने बार-बार कहा है कि अगला प्रधानमंत्री आधी-आबादी से होना चाहिए, जिसका मतलब है कि वह साफ तौर पर उस पद के लिए मायावती का समर्थन कर रहे हैं।
जवाब: अखिलेश को साफ करना चाहिए कि आधी-आबादी से उनका क्या मतलब है। क्या मुलायम सिंह आधी-आबादी की श्रेणी में नहीं आते? पहले अखिलेश ने उन्हें पार्टी अध्यक्ष के पद से हटाकर चार्ज ले लिया। अब उन्हें पीएम पद के लिए भी लायक नहीं समझ रहे। वह सार्वजनिक तौर पर यह क्यों नहीं कहते और प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार का नाम क्यों नहीं लेते? किसी भी इंसान में इतनी समझ होनी चाहिए कि पीएम के पास जनता का सपॉर्ट होना चाहिए। आंकड़े उनके साथ होने चाहिए। आप एसपी-बीएसपी से क्या उम्मीद कर सकते हैं जो 37-38 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। बीएसपी की 2014 में कोई सीट नहीं आई थी और इस बार भी कहानी वैसी ही रहेगी। मुलायम सिंह के नेतृत्व में एसपी ने 37 सीटें जीती थीं लेकिन यह आंकड़ा नीचे जाएगा क्योंकि वह कन्नौज, बदायूं और आजमगढ़ हार रहे हैं।