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केंद्र सरकार के खिलाफ यशवंत सिन्हा ने विरोधियों संग बनाया राष्ट्रमंच

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नई दिल्ली।। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और भाजपा के असंतुष्ट नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अन्य विपक्षी दल के नेताओं के सहयोग से राष्ट्रमंच संस्था का गठन किया है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रमंच संस्था से कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), आम आदमी पार्टी (आप) के नेता शामिल हैं।

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बता दें कि राष्ट्रमंच का कार्यक्रम आज (मंगलवार) को कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में आप के तीनों नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, एनडी गुप्ता, सुशील गुप्ता के अलावा टीएमसी सांसद दिनेश त्रिवेदी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सांसद माजिद मेनन शामिल हुए। खास बात ये है कि कार्यक्रम में भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा ने भी शिरकत की। उल्लेखनीय है कि शत्रुघ्न कई बार पार्टी लाइन से हटकर अपनी ही सरकार के खिलाफ बयान दे चुके हैं|

वहीं यशवंत सिन्हा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रमंच देशभर के किसानों के मुद्दे पर आंदोलन शुरू करेगा। नोटबंदी पर मोदी सरकार की आलोचना कर चुके सिन्हा ने कहा कि मेरी नजर में नोटबंदी सिर्फ मनमानी थी और कोई रिफॉर्म नहीं था। साथ ही सिन्हा ने कहा, ‘देश में गरीबी और अमीरी की खाई लगातार बढ़ती जा रही है। विदेश नीति को लेकर डंका बजाया जा रहा है। जैसे अगर कोई विदेश के किसी एयरपोर्ट पर इंडियन पासपोर्ट लेकर जाता है तो उसे सलाम किया जाता है। भारत अब महान बन गया है, पर सच्चाई में ये नहीं है। डोकलाम में चीन पहले के मुकाबले 90 फीसदी ज्यादा लामबंद हो चुका है। लेकिन भारत की अब कुछ नहीं हो रहा है।’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लेकर कोई विदेश नीति नहीं है। सरकार सिर्फ प्रचार के युग में जी रही है और देश भय में जी रहा है। यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रमंच संस्था के मकसद बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य देश की मौजूदा स्थिति के लिए चिंतित नेताओं को एक मंच पर लाना है। इस फोरम के गठन को लेकर सिन्हा ने कहा कि वे इस मंच में अपनी व्यक्तिगत क्षमता से उपस्थित होंगे और मौजूदा स्थिति को लेकर अपनी चिंताओं को रखेंगे।

इस मौके पर भाजपा के असंतुष्ट सांसद शत्रुघ्न सिन्हा बोले कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ‘लोकतंत्र खतरे में है| ये मैं क्या और भी बहुत लोग मानते हैं। सच कहना बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं। ये बातें पार्टी और सरकार में सुनने वाला कोई नहीं। इसलिए राष्ट्रमंच से जुड़ा। देशहित में फैसला करता हूं|

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