आज (सोमवार) से राजधानी दिल्ली में विश्व व्यापार संगठन (WTO) की अनौपचारिक मंत्रीस्तरीय बैठक शुरू होने जा रही है। जिसमें 50 देशों मंत्री के हिस्सा लेंगे। भारत की मेजबानी में होने वाली इस बैठक में मुक्त और बेबाक चर्चा को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे बड़े मुद्दों का राजनीतिक हल निकालने का रास्ता मिल जाएगा। बहुस्तरीय व्यापार प्रणाली को मजबूत बनाना और उसकी सुरक्षा कभी इतनी महत्वपूर्ण नहीं थी जितना कि आज के समय में है।
डब्ल्यूटीओ भी प्रणालीगत चुनौतियों से जूझ रहा है,खासकर इसका विवाद निपटारा केंद्र अधिक दबाव में है। समिट में कई विकसित और विकासशील देश हिस्सा ले रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान ने बैठक में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। पाक ने यह फैसला भारत में उसके राजनयिकों के साथ कथित उत्पीड़न के विरोध में किया है। भारत की तरफ से पाकिस्तान के वाणज्य मंत्री परवेज मलिक को हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था औऱ पाक की तरफ से यह आमंत्रण स्वीकार भी कर लिया गया ता लेकिन बाद में शामिल होने से इनकार कर दिया था।
वाणिज्य सचिव रीता तेवतिया ने हाल में कहा था कि यह बैठक दिसंबर में ब्यूनर्स आयर्स में हुई डब्ल्यूटीओ की मंत्रीस्तरीय बैठक की विफलता के बाद‘ झिझक तोड़ने’ वाली होगी।जब उनसे पूछा गया कि क्या बैठक के बाद कोई बयान जारी किया जाएगा तो उन्होंने कहा कि इसका निर्णय समूह का छोटा मंत्रीस्तरीय समूह करेगा।
गौरतलब है कि ब्यूनस आयर्स में डब्ल्यूटीओ के 11वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में बातचीत निष्फल होने से भारत सहित विकासशील देशों को निराशा हुई थी। चार दिवसीय यह बैठक बिना किसी मंत्रिस्तरीय घोषणा या बिना किसी ठोस परिणाम के ही समाप्त हो गई थी।