नई दिल्ली। सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने और उनकी आर्थिक दशा सुधारने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अथक प्रयास किए जा रहे है। इसके साथ ही सरकार द्वारा किसानों के हित में कई योजनाएं चलाई गई हैं। जिनका सीधा लाभ किसानों को मिलता है। ऐसी ही एक योजना केंद्र सरकार द्वारा 2019 में शुरू की गई थी। जिसका नाम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना था। इस योजना के तहत सीमांत या छोटे किसानों या जिनके पास दो हेक्टेयर से कम कृषि भूमि है, उन्हें साल में तीन बराबर-बराबर किस्तों में कुल छह हजार रुपये की राशि दी जाती है। इसी बीच इस बार इस योजना को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। किसान सम्मान निधि योजना के तहत 20.48 लाख अयोग्य लाभार्थियों को 1.364 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है। ये जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना के जवाब में दी है।
20.48 लाख अयोग्य लाभार्थियों को भुगतान हुआ-
बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 20.48 लाख अयोग्य लाभार्थियों को 1,364 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है। आरटीआई आवेदन के जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बताया कि अयोग्य लाभार्थियों की दो श्रेणियों की पहचान की गई है, जिनमें पहले ‘अर्हता पूरी नहीं करने वाले किसान’ हैं। जबकि दूसरी श्रेणी ‘आयकर भरने वाले किसानों’ की है। कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव (सीएचआरआई) से संबद्ध आरटीआई आवेदक वेंकटेश नायक ने ये आंकड़े सरकार से प्राप्त किए हैं। उन्होंने कहा, अयोग्य लाभार्थियों में आधे से अधिक (55.58 प्रतिशत) ‘ आयकरदाता’ की श्रेणी में हैं। नायक ने कहा, ‘‘बाकी 44.41 प्रतिशत वे किसान हैं जो योजना की अर्हता पूरी नहीं करते हैं। उन्होंने बताया कि मीडिया में आई खबर के मुताबिक अयोग्य लाभार्थियों को भुगतान की गई राशि वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नायक ने कहा कि सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के तहत प्राप्त सूचना से पता चलता है कि वर्ष 2019 में शुरू हुई पीएम-किसान योजना के तहत जुलाई 2020 तक अयोग्य लाभार्थियों को 1,364 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
पंजाब में सबसे अधिक अयोग्य लाभार्थी-
वहीं आरटीआई आवेदक ने बताया कि आंकड़ों के मुताबिक अयोग्य लाभार्थियों की बड़ी संख्या पांच राज्यों- पंजाब, असम, महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश में है। सूचना के मुताबिक पंजाब शीर्ष पर है जहां कुल अयोग्य लाभार्थियों में 23.6 प्रतिशत (यानी 4. 74 लाख) रहते हैं, इसके बाद 16.8 प्रतिशत (3.45 लाख लाभार्थी) अयोग्य लाभार्थियों के साथ असम का स्थान है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सिक्किम में एक अयोग्य लाभार्थी का पता चला है जो किसी राज्य में सबसे कम है।