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विश्व महासागर दिवस: महासागर है जन्तुओं के जीवन का प्रमुख स्थान, घरौंदा में बसते हैं करोड़ों जीव

world ocean day Mahasagar diwas विश्व महासागर दिवस: महासागर है जन्तुओं के जीवन का प्रमुख स्थान, घरौंदा में बसते हैं करोड़ों जीव

वर्ल्ड ओसियन डे पर इस बार पूरे विश्व के समुद्री जीवों में एक बार फिर नजरें दौड़ाने का वक्त आ गया है। चूंकि धरती के 71 फीसद से ज्यादा हिस्से में पानी है। इसका 97 फीसद हिस्सा सागरों और महासागरों में मौजूद है। सबसे चिंतनीय बात यह है कि इतने बड़े भू-भाग पर पानी होते हुए भी महज 3 फीसद ही पीने योग्य है, इनमें भी 2.4 फीसद पानी ग्लेशियरों और उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव में जमा है। यानी नदियों, जलाशयों और भूमिगत जल के रूप में सिर्फ 0.6 फीसद पानी उपलब्ध है।

दुनिया की 30 फीसद आबादी महासागरों के किनारों पर बसती है, लिहाजा इनकी रोजमर्रा की जरूरतें भी महासागरों से ही पूरा होती है। इनमें पलने वाले जीव-जन्तु इसके किनारे बसने वाले लोगों के गुजर-बसर का प्रमुख सहारा है।

पृथ्वी पर पानी का बड़ा हिस्सा समुद्र में मौजूद है, जो हमारे पर्यावरण को संतुलन प्रदान करता है। पानी के इन सबसे बड़े स्रोतों के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए 8 जून को World Ocean Day मनाया जाता हैं। #World_Ocean_Day को सबसे पहले 8 जून 2009 में मनाया गया औऱ इसके बाद हर साल इसको मनाने की परंपरा का आगाज हुआ।

World Ocean Day की नींव ऐसे पड़ी

साल 1992 में #रियो_डी_जनेरियो में आयोजित ‘पृथ्वी ग्रह’ नामक फोरम में हर साल मनाए जाने के लिए प्रस्तावित किया गया था और इस मौके पर विश्व महासागर दिवस मनाए जाने की घोषणा भी की गई थी। लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ ने इससे संबंधित प्रस्ताव को 2008 में पारित किया औऱ विश्व महासागर दिवस को आधिकारिक मान्यता प्रदान की गई।

उद्देश्य तो नेक था लेकिन अब लोगों के जेहन से उजर रहा है

यह दिवस मनाए जाने का मतलब तो नेक था जिसका उद्देश्य दुनियाभर में महासागरों के महत्व, खासियत और भविष्य में इनके सामने खड़ी चुनौतियों से अवगत करना और उनसे निपटने के उपाय खोजना है। महासागर से जुड़े पहलूओं जैसे-खाद्य सुरक्षा, जैव-विविधता, पारिस्थितिक संतुलन,सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग, जलवायु परिवर्तन आदि पर विचार किया जाता है।

महासागरों की विशाल जलराशि अपने अंदर एक पारिस्थितिक तंत्र को समाए रहती है। इसमें अनेक जीव-जंतु, शैवाल रहते हैं, जिससे हमारे पर्यावरण का संतुलन बरकरार रहता है। महासागरों में प्रवाल भित्ति क्षेत्र ऐसे ही एक पारितंत्र का उदाहरण है, जो असीम जैव विविधता का प्रतीक है। एक अनुमान के मुताबिक समुद्रों में जीवों की करीबन दस लाख प्रजातियां मौजूद हैं। तटीय क्षेत्रों में स्थित मैन्ग्रोव जैसी वनस्पतियों से संपन्न वन, समुद्र के अनेक जीवों के लिए नर्सरी बनकर उनको आश्रय देते हैं।

धरती का मौसम होता है निर्धारित

पृथ्वी के समस्त ताप में जल की गर्मी का खास महत्व है। दिन में सूर्य ऊर्जा का बहुत बड़ा भाग समुद्री जल में समा जाता है अत: महासागर ऊष्मा के भंडार भी होते हैं। महासागरों के इस प्राकृतिक गुण की वजह से विश्व भर में मौसम संतुलित बना रहता है।

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