समाज में हर एक व्यक्ति के अपने अधिकार होते हैं चाहे वह किसी भी देश में रहता हो या फिर वह किसी भी जाति, धर्म, लिंग से संबंधित हो सभी के पास समान अधिकार होते हैं। लेकिन अक्सर ऐसी घटनाएं व खबरें सामने आती हैं जिनमें किसी व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति के अधिकारों का हनन किया जाता है। इसी समस्या को को समाप्त करने के लिए 10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।
कब से शुरू हुआ मानवाधिकार दिवस
1948 में आज ही के दिन यानी 10 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानव अधिकारों को अपनाने की घोषणा की गई थी। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा 10 दिसंबर 1950 को की गई।
मानवाधिकार दिवस मनाने का क्या है उद्देश्य
मानवाधिकार दिवस का उद्देश्य लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। मानवाधिकार के तहत स्वास्थ्य, आर्थिक, सामाजिक एवं शिक्षा के अधिकार को शामिल किया गया है। साथ ही इसमें कुछ मूलभूत अधिकार है। जिनमें व्यक्ति की नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के आधार पर होने वाले उत्पीड़न को समाप्त किया जा सके और और उन्हें खुद पर हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार मिले।
क्या है इस साल की विशेष थीम
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 2021 कि इस बार विशेष थीम रखी गई है। “असमानताओं को कम करना और मानव अधिकारों को आगे बढ़ाना” है।
ये अधिकार है मानवाधिकार
कुछ ऐसे अधिकार सुनिश्चित किए गए हैं जो सभी व्यक्ति को पता होनी चाहिए यह अधिकार समाज के हर वर्ग के लिए एक समान है। चाहे वो कोई मुजरिम हो या फिर कैदी। जिसमें सबसे पहला अधिकार अभिव्यक्ति की आजादी, स्वतंत्रता का अधिकार शोषण के मुक्ति उन्मूलन का अधिकार, शिक्षा का अधिकार यह कुछ मूलभूत अधिकार है जो समाज के प्रत्येक व्यक्ति को दिए गए हैं।
मानवाधिकार के संबंध में ‘नेल्सन मंडेला’ ने कहा है कि “लोगों को उनकी मानवाधिकार से दूर रखना उनकी मानवता को चुनौती देने है।”
साथ ही रंग नस्ल भाषा धर्म जाति राष्ट्रीयता लिंग के आधार पर समानता का अधिकार है। कानून के समक्ष अपना पक्ष रखने का अधिकार।