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World Environment Day 2018: प्लास्टिक ले सकता है आपके मासूम बच्चें की जान

World Environment Day 2018: प्लास्टिक ले सकता है आपके मासूम बच्चें की जान

नई दिल्ली।  प्लास्टिक आज के समय में काफी बड़ी समस्या बन चुकी है जिसका निपटारा आप और हमे मिलकर ही करना है। आज पूरा विश्व world envirnment day के रुप में मना रही है।  आज हम आपको world envirnment day पर बताने वाले हैं प्लास्टिक आपके लिए किस हद तक खतरनाक है। विशेषज्ञों की मानें तो माइक्रो प्‍लास्टिक या प्‍लास्टिक के सूक्ष्‍म कण मिट्टी में, नलकों से, पानी की बोतल , बीयर की बोतल यहां तक की हवा में घुलकर सांसो के जरिए हमारे स्‍वास्‍थय के ल‍िए हानिकारक होते जा रहे हैं।

 

World Environment Day 2018: प्लास्टिक ले सकता है आपके मासूम बच्चें की जान

 

समुद्र में मछलियों से ज्‍यादा प्‍लास्टिक

एक रिसर्च में इस बात की खुलासा हुआ है कि दुनियाभर में 6.3 बिलियन टन के आसपास प्‍लास्टिक वेस्‍ट का उत्‍पादन हो चुका है और इससे भी खतरनाक बात ये है कि इस प्‍लास्टिक वेस्‍ट में से 90 प्रतिशत कचरे और कबाड़ को अगले 500 साल तक नष्‍ट नहीं किया जा सकता है।अगर समय रहते प्‍लास्टिक के प्रदूषण को नहीं रोका गया तो अगले 30 सालों में प्‍लास्टिक से फैलने वाला ये प्रदूषण दोगुना हो जाएगा और समुद्र में मछलियों से ज्‍यादा हमें प्‍लास्टिक तैरता हुआ नजर आएगां।

 

अगर माइक्रोवेव में प्लास्टिक कंटेनर्स में खाना पकाते हैं, तो हो जाए सावधान

 

विश्‍व पर्यावरण दिवस

इस बार विश्‍व पर्यावरण दिवस यानी World Environment Day पर पूरी दुनिया ने प्लास्टिक के खतरों को समझते हुए प्‍लास्टिक के खिलाफ मुहिम छेड़ी है। भारत भी प्‍लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ अपने प्रयास शुरु कर दिए है। बॉलीवुड एक्‍ट्रेस आलिया भट्ट ने सोशल मीडिया पर #BeatPlasticPollution के नाम से कैंपेन के जरिए फैंस को प्‍लास्टिक का इस्‍तेमाल न करने के लिए कहा है।

क्यों खतरा है प्लास्टिक

जमीन या पानी में प्लास्टिक उत्पादों के ढेर को प्लास्टिक प्रदूषण कहा जाता है प्लास्टिक प्रदूषण का वन्यजीव, वन्यजीव आवास और मनुष्य पर खतरनाक प्रभाव पड़ता है। प्लास्टिक प्रदूषण भूमि, वायु, जलमार्ग और महासागरों को प्रभावित करता है। प्लास्टिक मुख्य रूप से पेट्रोलियम पदार्थों से उत्सर्जित सिंथेटिक रेजिन से बना है। रेजिन में प्लास्टिक मोनोमर्स अमोनिया और बेंजीन का संयोजन करके बनाया जाता है।

प्लास्टिक में क्लोरीन, फ्लोरीन, कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और सल्फर के अणु शामिल हैं। 40 माइक्रोन से कम तापमान पर प्लास्टिक बैग बायोडिग्रेडेबल नहीं हैं। वे हमेशा के लिए पर्यावरण में बने रहेंगे। लंबे समय तक अपर्याप्त नहीं होने के अलावा प्लास्टिक के कई दुष्प्रभाव भी होते हैं जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

बच्चों के लिए जहर

आज हम बच्चों के लिए खेलने के लिए खिलौनों को देते हैं पर क्या आपको इस बात का अंदाजा हैं कि आप जिन खिलौनों को अपने बच्चों को खुश करने के लिए देते हैं वो उनकी जान भी ले सकते हैं जी हां…रंग बिरंगे प्लास्टिक के खिलौनों में कैमिकल वाले रंगों का इस्‍तेमाल किया जाता है, जो उनके लिए हानिकारक होता है। इन खिलौनों में आर्सेनिक और सीसा मिला हुआ होता है। खेलते हुए बच्‍चें इन खिलौनों को छूने के बाद सीधा मुंह में हाथ डालते है जो जिससे ये केमिकल उनके शरीर में पहुंचते है। इस वजह से उनको कैंसर तक हो सकता है।

मिनरल वाटर नहीं है सुरक्षित

अगर आप प्‍लास्टिक बोतल में बंद मिनरल पानी के आदी है, और सोचते है कि बोतल बंद ये पानी मिनरल युक्‍त और सुरक्षित है तो आप गलत हैं। हाल ही में हुए एक रिसर्च के अनुसार चाइना, ब्राजील, इंडोनेशियां, यूएस समेत 9 देशों में बेची जाने वाली 11 अलग अलग ब्रांड की करीब 259 पैकेज्‍ड बोतल की जांच की हैं। इस शोध में उन्‍होंने पाया है कि भारत समेत दुनियाभर में मिलने वाले मशहूर पैकेज्‍ड मिनरल पानी में 93% तक प्‍लास्टिक के छोटे छोटे कण शामिल थे।

प्लास्टिक से बीमारियां

पहले के जमाने में लोग स्‍टील या दूसरी धातु से बने बोतल या बर्तन में दूध या पानी पीना पसंद करते थे। लेकिन सस्‍ते और अट्रेक्टिव होने के कारण लोगों ने प्‍लास्टिक की बोतल में पानी पीना शुरु कर दिया जो कि आपके सेहत के ल‍िए खतरनाक है। अगर आप प्‍लास्टिक के बोतल से पानी पीते हैं, तो इसके कारण कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग, गर्भवती मां और बच्‍चे को खतरे के अलावा कई दूसरी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।

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