सोनभद्र से प्रवीन पटेल की रिपोर्ट
सोनभद्र। जैसा कि सभी जानते हैं सरकार द्वारा धीरे-धीरे सभी सरकारी विभागों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। जिसके चलते इन दिनों सरकार द्वारा निजीकरण पर ज्यादा जोर दिया जा रहा हैं जो आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बनेगा। इसके साथ ही सरकार द्वारा बिजली विभाग को भी निजी हाथों में सौंप दिया गया है। जिसके चलते सोनभद्र में केंद्र व यूपी सरकार द्वारा बिजली क्षेत्र को निजीकरण करने के खिलाफ बिजली कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके साथ ही निजीकरण के खिलाफ विद्युत कर्मचारियों ने इसे दो घंटे का सांकेतिक कार्य बहिष्कार बताया है। ओबरा पॉवर प्लांट गेट पर बिजलीकर्मियों ने प्रदर्शन किया और विद्युत सयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले कार्य बहिष्कार कर जमकर नारेबाजी की। इसके साथ विद्युत कर्मचारियों ने अपनी कई मांगे भी रखी हैं।
इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन-
बता दें कि अधिशासी अभियंता सर्वेश सिंह के नेतृत्व में कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया। जिसके चलते एक्सईएन ने बताया कि इलेक्ट्रिसिटी बिल 2020 एवं विद्युत वितरण के निजीकरण के लिए लाए जा रहे स्टैंडर्ड बिडिग डाक्यूमेंट को निरस्त किया जाए। निजीकरण की केंद्र शासित प्रदेशों चंडीगढ़ व अन्य किसी भी प्रांत में चल रही प्रक्रिया वापस ली जाए। ग्रेटर नोएडा का निजीकरण व आगरा का फ्रेंचाइजी कराकर रद्द किया जाए। इसके साथ ही सभी ऊर्जा निगमों को एकीकृत कर उत्पादन, पारेषण व वितरण को एक साथ रखते हुए केरल के एसईबी लिमिटेड व हिमाचल प्रदेश के एचपीएसइबी लिमिटेड की तरह यूपी में भी यूपीएसइबी लिमिटेड गठित की जाए। इसके साथ ही बिजली कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना वर्ष 2000 से लागू की जाए। जिसके चलते इन मांगों को लेकर विद्युत कर्मियों ने बुधवार को एक दिवसीय सांकेतिक कार्य बहिष्कार किया।