मेरठ: चुनाव प्रक्रिया को सम्पन्न करवाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की जरूरत होती है। यही जरूरत अब आयोग के लिए सरदर्द बनती जा रही है। कई कर्मियों ने अपना नाम चुनाव ड्यूटी से वापिस लेने की इच्छा जताई है।
आयोग ने रखी शर्त
चुनाव आयोग ने कर्मचारियों के नाम वापसी वाले आवेदन पर फैसला करने से अभी मना कर दिया है। उनका कहना है कि पहले प्रशिक्षण की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी इसके बाद ही आवेदन पर विचार होगा। ज्यादातर कर्मी बिना किसी ठोस कारण के ड्यूटी से हटना चाह रहे हैं। ऐसे में यह राज्य निर्वाचन आयोग लिए समस्या बन सकता है।
तीन दिन में 1000 से ज्यादा एप्लीकेशन
पिछले तीन दिन में ही लगभग एक हजार लोगों ने ड्यूटी न करने की इच्छा जताई है। इसके पीछे सबके अपने कारण हैं, लेकिन आयोग ने अभी इस पर विचार न करने का फैसला लिया है। इस बार चुनावी प्रक्रिया को सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाने की जिम्मेदारी आयोग औऱ कर्मियों पर होगी। कोरोना के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं को भी दुरुस्त रखने पर जोर दिया जा रहा है। मास्क और उचित दूरी का पालन करते हुए वोट डाले जाएंगे।
पहले चरण की वोटिंग 15 से
उत्तर प्रदेश में 2021 का पंचायत चुनाव 15 अप्रैल से शुरू हो रहा है। कुल 4 चरणों में वोटिंग होगी, जिसमें पहला चरण 15 अप्रैल से शुरू होकर आखिरी चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा। इस चुनाव के नतीजे 2 मई को आयेंगे। कुल 75 जिलों में चुनावी प्रक्रिया धीरे-धीरे तेजी पकड़ रही है, उत्तर प्रदेश में चुनाव को संपन्न करवाने के लिए 80 हजार से अधिक मतदान केंद्र बनाए गए हैं।