महिलाओं की योनि (वेजाइना) में जलन और खुजली होना एक सामान्य बात है जिसका मुख्य कारण यीस्ट इंफेक्शन होता है। अध्ययन के मुताबिक 4 में से 3 महिलाएं अपने जीवन काल में कम से कम एक बार तो इसका अनुभव जरूर करती हैं। इंफेक्शन के कारण महिलाओं को वेजाइना में दर्द, जलन, तेज खुजली होती है। जो बेहद असहज है। आमतौर पर महिलाओं ने वजाइनल बैक्टीरियल इनफेक्शन 25 से 35 की उम्र के बीच में अधिक होने की संभावना होती है।
योनि (वेजाइना) में खुजली की क्या होते हैं कारण
योनि (वेजाइना) में खुजली के कई कारण हो सकते हैं जैसे योनि का सूखापन, साफ सफाई ना होना, केमिकल चीजों का उपयोग या फिर खराब रेजर का इस्तेमाल। तो आइए जानते हैं महिलाओं में होने वाली वजाइनल बैक्टीरियल इनफेक्शन की समस्या को कैसे दूर किया जा सकता है।
नारियल का तेल
अध्ययन के मुताबिक नारियल का तेल कैंडिडा अल्बिकन्स को मार सकता है। कैंडिडा अल्बिकन्स यीस्ट इनफेक्शन के दौरान बनता है। यदि आप इस समस्या से परेशान हैं तो नारियल का तेल सीधे आप अपने योनि (वेजाइना) में लगाएं। मगर नारियल के तेल का इस्तेमाल करने से पहले इस बात का खास ध्यान रखें कि वह पूरी तरीके से हाई क्वालिटी का ही हो।
बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा यीस्ट इंफेक्शन और खुजली के उपचार के लिए बेहतर विकल्प है। एक अध्ययन के मुताबिक बेकिंग सोडा में कैंडिडा सेल्स को समाप्त करने के गुण पाए जाते हैं। बेकिंग सोडा का इस्तेमाल करने के लिए आपको रोज एक चौथाई से दो कप बेकिंग सोडा को नहाने के पानी में डालें और कम से कम 20 से 30 मिनट तक उसे पानी में रहे। इसके साथ आप इसका पेस्ट भी बनाकर अपनी स्क्रीन पर लगा सकते हैं।
टी ट्री ऑयल
टी ट्री ऑयल में एंटी बैक्टीरिया के गुण पाए जाते हैं। जिससे तुरंत खुजली पर आराम मिलता है। इसका इस्तेमाल आप नहाने के पानी में 4 से 6 टी ट्री ऑयल की बूंद डालकर कर सकते हैं। साथ ही एलोवेरा जेल मिलाकर इसको सीधा अपने प्राइवेट पार्ट को भी लगा सकते है।
नीम के पत्ते
नीम आमतौर पर कई बीमारियों में औषधि के रूप में काम करती है। इसीलिए इसे एंटीफंगल भी कहा जाता है जो शरीर में पनप रहे संक्रमण को रोकने में सहायक होती हैं। इसका उपयोग आप दो तरीके से कर सकते हैं या तो आप नीम की कुछ पत्तियों को अपने नहाने के पानी में मिलाकर नहाए। या से नीम की पत्तियों को करीब 10 मिनट उबालें और फिर ठंडा कर कर उसे अपने प्राइवेट पार्ट को साफ करें।
आमतौर पर महिलाओं में होने वाली यह समस्या 2 से 3 दिन में दूर हो जाती हैं और यदि ऐसा ना हो तो, जरूर महिला चिकित्सक से परामर्श करें।