नई दिल्ली। देश की दिग्गज आईटी कंपनी में शुमार विप्रो ने अपने 600 कर्मचारियों को रोता-रात बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी की ओर से 600 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है जबकि कंपनी के सूत्रों का कहना है कि 2000 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निकाला गया है।
कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद कंपनी की ओर से आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘कंपनी अपने कारोबार लक्ष्यों का अपने कार्यबल के साथ समायोजन करने के लिए वह नियमित आधार पर कर्मचारियों के कामकाज का मूल्यांकन करती है, यह कंपनी की रणनीति प्राथमिकताओं और ग्राहक की जरूरत के अनुसार किया जाता है। इस मूल्यांकन के बाद कुछ कर्मचारियों को नौकरी छोड़नी पड़ती है, जिनकी संख्या हर साल बदलती रहती है।’ हालांकि इस मामले में कर्मचारी अब भी कुछ कहने से बच रहे हैं।
वीजा नियम में बदलाव बना कारण
गौरतलब है कि गत दिनों अमेरिका, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे कई देशों के वीजा नियमों में कई तरह के बदलाव किए गए हैं। जिसके कारण आईटी कंपनियों का माहौल पूरी तरह से खराब हो चुका है। ये कंपनियां कर्मचारियों को ग्राहकों की साइट पर भेजने के लिए अस्थायी वर्क वीजा का इस्तेमाल करती हैं। भारतीय आईटी कंपनियां 60 फीसदी से भी अधिक राजस्व वसूली उत्तरी अमेरिका से, जबकि 20 फीसदी यूरोप से और बाकी अन्य जगहों से करती हैं। वीजा के नियमों में बदलाव होने के कारण आईटी कंपनियां परेशान हो रही है और ज्यादातर लोगों को बाहर का रास्ता दिखा रही है।
सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक विप्रो आने वाले समय में कई और लोगों को बाहर का रास्ता दिखा सकती है।