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ना गुण्डाराज ना भ्रष्टाचार अबकी बार भाजपा सरकार के नारे की टिकट बंटवारे में निकली हवा

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने कल उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है। जिसके बाद पार्टी के भीतर विरोध के स्वर के बार फिर सुलगने लगे हैं। भाजपा को लेकर बार-बार सिद्धान्तों की बात की जाती रही है। पार्टी ने चुनावी साल के शुरूआत में कुछ नारे दिये थे।

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ना परिवारवाद ना भ्रष्ट्राचार अबकी बार भाजपा सरकार और ना गुण्डाराज ना भ्रष्टाचार अबकी बार भाजपा सरकार लेकिन जब सूची जारी हुई तो साफ हो गया भाजपा की कथनी और करनी दोनों अलग है।

यूपी का समर जीतना मकसद
देश की राजनीति में केन्द्र की भूमिका निभाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव पर हर पार्टी की नजर है सूबे में 2002 के बाद से सत्ता मे भाजपा केवल हासिए पर ही जाती रही है। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनावों में 80 सीटों में 73 सीटें जीतकर भाजपा ने अपने ग्राफ को एक बार मजबूत किया था। जिसके बाद पार्टी को लगा कि एक बार फिर वह सूबे में दम भर सकती है। जिसके लिए पार्टी ने शुरूआत से अपने प्रत्याशियों के चयन के साथ सूबे में जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू कर दी थी।

इनके कंधों पर था प्रत्याशियों के चयन का भार
इस बार पार्टी हर कीमत से सूबे की सत्ता में काबिज होने के लिए प्रयासरत थी। इसी क्रम में सूबे में भारतीय जनता पार्टी के संगठन मंत्री सुनील बंसल और प्रदेश के प्रभारी ओम माथुर के साथ प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य लगातार सूबे में भाजपा को बड़े दल के तौर पर लाने के लिए योग्य उम्मीदवारों के चयन में लगे थे। जिसको लेकर पार्टी में वोटरों के गणित पर भी इन महारथियों के लिए साधना भी एक बड़ा बिषय था। इसके लिए पार्टी ने अलग-अलग तरीकों को अपनाया भी जिससे योग्य प्रत्याशियों का चयन हो सके।

सिद्धान्तों और नारों को रखा ताक पर
लेकिन टिकटों के बंटवारे में पार्टी ने अपने वसूलों से समझौता कर लिया। स्वच्छ छवि के नारे और सिद्धान्तों के दल के तौर पर जिस पार्टी में बार-बार श्याम प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय की दुहाई देने वाली पार्टी ने अपने ही प्रत्याशियों के चयन में अपने बर्षों पुराने कार्यकर्ताओं को दरकिनार करते हुए टिकटों का बंटवारा तक कर दिया। जिसको लेकर भाजपा के समर्थकों में भारी रोष है। पार्टी में टिकटों के बंटवारे में धंधली होने तक की बात समर्थक कह रहे हैं। बार-बार परिवाद को लेकर विरोधियों पर निशाना साधने वाली भाजपा ने अपने ही सांसदों के पुत्रों और पुत्रियों रिश्तेदारों को टिकट देकर अपने सिद्धान्तों को ताक पर रख दिया है। इसके अलावा भ्रष्टाचार पर सत्तापक्ष को लगातार मंच से घेरने वाली भाजपा ने कई टिकट ऐसे बांटे है जिनके नाम पर आय से अधिक सम्पत्ति के मामले की जांच चल रही है। इसके साथ पार्टी में टिकट पाये कुछ प्रत्याशियों के हाथ पार्टी के कार्यकर्तों की हत्या करने के मामले में रंगे हुए हैं। उनको भी पार्टी ने टिकट देकर अपने नारे ना गुण्डाराज ना भ्रष्ट्राचार को चुनाव के पहले ही जुमला करार दे दिया है।

विपक्ष भी भाजपा के सिद्धान्तों को लेकर उठा रहा है सवाल

नीतियों और सिद्धान्तों को छोड़ चुकी है भाजपा- राशिद अल्वी ( कांग्रेस प्रवक्ता)

इस बारे में विपक्ष भी लगातार अब खुलकर भाजपा पर निशाना साध रहा है। कांग्रेस के प्रवक्ता राशिद अल्वी ने जमकर भाजपा की नीतियों और सिद्धान्तों की बात पर हमला बोलते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी देश में हिन्दू मुस्लान की राजनीति करती है। दो धर्मों के लोगों के लड़कर आज तक राजनीति करती रही है। अब वह पिछड़े वर्ग और दलितों को लेकर राजनीति करने की फिराक में लगी हुई है। इस पार्टी का कभी कोई सिद्धान्त ही नहीं रहा है।

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ये जनता को सिद्धान्तों के नाम पर बेवकूफ ही बनाती रही है। कल जो पार्टी दूसरों को परिवारवाद और भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाती थी आज उसने ही ऐसे लोगों को टिकट देकर अपने आपको भी इस कतार में लाकर खड़ा कर दिया है। उत्तर प्रदेश के चुनाव में पार्टी को इस बार बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा। यूपी की सत्ता पार्टी के लिए बड़ा सपना ही बनकर रह जायेगा।

ना गुण्डाराज ना भ्रष्ट्राचार का नारा तो बस जुमला था- रविदास महरौत्रा ( सपा विधायक व मंत्री उत्तर प्रदेश)                                                                                               
जब भारत खबर ने समाजवादी पार्टी के बड़े जमीनी नेता और सूबे के मंत्री रविदास महरौत्रा से भाजपा के इस प्रकरण पर बात की गई तो उन्होने चुटकी लेते हुए भाजपा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि संरक्षित माफियाओं और गुण्डों को भारतीय जनता पार्टी ने टिकट दिया है। पार्टी कल तक अपने आपको कैडर वादी पार्टी के तौर पर कहती थी। लेकिन पार्टी ने सत्ता पाने की चाह में कैडर को दरकिनार कर सामंतवादी परम्परा का परिचय दिया है।

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पार्टी कार्यकर्ताओं में इस बात का रोष जगह-जगह देखने को सुनने को मिल रहा है। चंद माह पहले दूसरे दल को छोड़कर सत्ता की चाह में आये लोगों को टिकट दे दिया गया वहीं वर्षों से पार्टी के लिए मेहनत कर रहे कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया गया है। इसका परिणाम चुनावी दंगल में पार्टी को भुगतना ही पड़ेगा। सत्ता में समाजवादी पार्टी के लिए भाजपा ने रास्ते आसान कर दिये हैं। पार्टी कल तक गुण्डाराज का हम पर आरोप लगाती थी। लेकिन अब उसने गुण्डों को ही टिकट थामा कर साफ कर दिया है कि ना गुण्डाराज ना भ्रष्ट्राचार का नारा तो बस जुमला था। असली नारा तो है गुण्डाराज की होगी अब भाजपा सरकार

भाजपा अब लोकतंत्र में राजशाही की पार्टी बन गई है-(बसपा प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधीन्द्र भदौरिया)

इसी मुद्दे पर जब बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधीन्द्र भदौरिया से भारत खबर से बात करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक तरह से राजतंत्र की परिचायक है। इस पार्टी के पास कोई सिद्धान्त के तौर पर अब कुछ भी नहीं बचा है। ढाई साल की केन्द्र सरकार के कार्यकाल से जनता इनके सारे कारनामों से भली भांति परिचित है। इस पार्टी ने जनता को गुमराह करने के लिए आज तक जो वादे किए वो कभी भी पूरे नहीं हुई।

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भारतीय जनता पार्टी ने दलितों मजलूमों और गरीबों का केवल शोषण किया है। परिवारवाद को लेकर लगातार अन्य दलों की खिलाफत करने वाली पार्टी ने अपने कैडरों को दरकिनार कर परिवारवाद की राह थाम ली है। जिन अपराधिक छवि के नेताओं और परिवारवादियों को बहन जी ने पार्टी से स्वच्छ राजनीति के लिए बाहर किया उनको टिकट देकर ये जनता के बीच ले आये हैं। इससे साफ हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी बसपा से चुनावी जंग में डर चुकी है अगली सरकार हमारी आने वाली है।

पार्टी ने टिकट की सूची जारी कर दी है। प्रत्याशियों में जहां इस चुनावी दंगल को लेकर अब तैयारिया जोरों पर हैं। वहीं अब टिकटों की सूची में अपने नामों के ना आने से भाजपा के कैडरों में खासा नाराजगी का माहौल है। इस बात का असर आने वाले चुनावी समर पर पड़ना स्वभाविक हो चुका है। भाजपा इस बात को लेकर अब किस तरह से अपने रूठे और नाराज हुए कार्यकर्ताओं को मनाएगी ये प्रश्न पार्टी के लिए बड़ा ही पेचीदा बन गया है। लेकिन पार्टी में टिकटों को लेकर कार्यकर्ताओं ने लगातार सूची आने के साथ ही अपनी नाराजगी जाहिर कर साफ संकेत दे दिये हैं, कि वे सभी पार्टी आलाकमान के टिकट बंटवारे से खुश नहीं हैं।

Piyush Shukla ना गुण्डाराज ना भ्रष्टाचार अबकी बार भाजपा सरकार के नारे की टिकट बंटवारे में निकली हवाअजस्रपीयूष

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