टेक्नोलॉजी। आज के आधुनिक युग में तकनीक का प्रयोग दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। एक तरफ जहां आधुनिक तकनीक का गलत इस्तेमाल किया जाता है, वहीं दूसरी तरफ इसका प्रयोग अच्छे उपकरण बनाने में किया जाता है। देश विदेश सभी आज नई नई तकनीक की खोज करने में लगे हुए हैं। वैज्ञानिकों ने किसानों से लेकर सेनाओं तक अच्छी तकनीक पहुंचाने के प्रयास किए हैं और उनके वे प्रयास आज पूरे हो रहे हैं। आज की लगभग 80 प्रतिशत खेती आधुनिकरण के उपकरणों पर आधारित हैं। इस बढ़ते आधुनिकरण के दौर में ‘द एकेडमी ऑफ रोबोटिक्स’ के संयोजक विलियम सचित्ति ने सेल्फ ड्राइविंग कार रोबोट का निर्माण किया है। इसका उद्देश्य दूर दराज के घरों से लकर जरूरतमंदो तक जल्द से जल्द दवाओं को पहुंचाने के लिए किया गया है।
जानें यह रोबोट कितने पार्सल ले जाने में सक्षम-
बता दें कि हाल ही में लंदन में एक सेल्फ ड्राइविंग वाहन का ट्रायल शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य कम समय में ज्यादा जगहों पर दवाओं को पहुंचाना है। दरअसल सेल्फ ड्राइविंग तकनीक पर चलने वाले इस रोबोट कार का नाम Kar-go रखा गया है। इसका निर्माण दूर दराज के घरों से लेकर जरूरतमंदों तक जल्द से जल्द दवाओं को पहुंचाने के लिए किया गया है। इस रोबोट वाहन के चारों तरफ कैमरे लगे हुए हैं। जो रियल टाइम में सेंसर की मदद से वाहन को अपने गंतव्य तक पहुंचाने पूरी तरह योगदान देते हैं। इस सेल्फ ड्राइविंग कार रोबोट का निर्माण ‘द एकेडमी ऑफ रोबोटिक्स’ नाम की संस्था ने किया है। विलियम सचित्ती इस संस्था के संयोजक हैं. Kar-go एक बार में 48 पार्सल को ले जाने में सक्षम है। इसकी अधिकतम स्पीड तकरीबन 60 किलोमीटर प्रति घंटा तक है. वहीं इसे फूल चार्ज करने में 3 घंटे का समय लगता है।
Kar-go रोबोट से होगी होम डिलीवरी की सुविधा-
Kar-go रोबोट से होम डिलीवरी की सुविधा काफी आसान, सस्ती और ईको-फ्रेंडली हो जाएगी। Kar-go रोबोट के अंदर रखे हुए पार्सल पर एक सेंसर लगा होगा जो अपने गंतव्य पर पहुंचने के बाद कार के पीछले हिस्से में बनी डिवाइस के जरिए स्कैन करने के बाद ग्राहक को दे दिया जाएगा।