देशभर में कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक कोरोना का यह नया वेरिएंट देश के 17 राज्यों में पैर पसार चुका है। इसी बीच खबर सामने आ रही है कि कोरोना का नए वेरिएंट ओमिक्रोन के खतरे के मद्देनजर चुनाव आयोग कोई बड़ा फैसला ले सकता है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग की ओर से स्वास्थ्य सचिवों के साथ विधानसभा चुनाव को लेकर 27 दिसंबर को अहम बैठक का आवाहन किया गया है। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव टालने पर विचार करने और चुनावी रैलियों में इकट्ठा हो रही भीड़ पर रोक लगाने के लिए अपील की है।
ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे पर हाईकोर्ट का सुझाव, कहा- यूपी विधानसभा चुनाव टालने पर सरकार करें विचार
गौरतलब है कि देश में 2022 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसकी तैयारियों को लेकर लगातार जनसभा, रैली का आयोजन किया जा रहा है। चुनाव आयोग की इस बैठक में ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे के मद्देनजर अहम फैसला लिया जा सकता है। कहा जा रहा है कि इस बैठक के दौरान मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर विशेष चर्चा हो सकती है।
चुनाव आयोग की ओर से बैठक का फैसला इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से 23 दिसंबर को चुनावी रैलियों पर रोक लगाने की अपील के बाद लिया गया है।
इस दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग से आगामी विधानसभा चुनाव को स्थगित करने के लिए वह राजनीतिक रैलियों पर रोक लगाने का आग्रह किया है।
वही कोर्ट की ओर से करुणा महामारी की तीसरी लहर की आशंका को जाहिर करते हुए कहा गया है कि “जान है तो जहान है” अगर जीवन रहा तो चुनावी रैलियां और बैठकें होती रहेगी और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में भी जीवन का अधिकार दिया गया है।