लखनऊ। ई-कॉमर्स पर सीआईआई द्वारा आयोजित कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा की इस महामारी के दौर में ई-कॉमर्स ने एक बहुत ही अहम भूमिका निभाई है। सप्लाई चेन के दृष्टिकोण से एक बड़ी चुनौती बन सकती थी। उन्होंने ये भी बताया की मौजूदा हालत तथा बाजार के सामान्य होने के बाद इ-कॉमर्स क्षेत्र को एक सस्टेनेबल मॉडल स्थापित करना होगा जो की समय की मांग के अनुरूप हो।
उन्होंने अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को धन्यवाद देते हुए कहा की इन संसथान द्वारा प्रयागराज में स्थापित की जा रही ऑक्सीजन प्लांट सराहनीय है। उन्होंने ये भी कहा की उत्तर प्रदेश की एमएसएमईस को डिजिटल प्लेटफार्म पर व्यापार और अपने उत्पादों की ब्रांडिंग एवं पैकेजिंग करने के लिए अधिक से अधिक प्रेरित करना चाहिए। इसी दिशा में राज्य सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ ओडीओपी उत्पादों के क्रय-विक्रय को तीव्र करने के लिए अग्रसर है।
अवस्थापना तथा औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल ने कहा की इस महामारी के दौर में ई-कॉमर्स के माध्यम से व्यापार में वृद्धि हुई है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था से जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। डिजिटल इंडिया पहल तथा आधुनिक बैंकिंग प्रणाली ने व्यापार में डिजिटल ग्रोथ को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने बताया कि अकेले उत्तर प्रदेश में तकरीबन 16 करोड़ मोबाइल उपभोगता मौजूद हैं जो की ई-कॉमर्स के लिए उत्तर प्रदेश में एक बड़े मार्किट के द्वार खोलता है। क्योंकि सरकार ने वेयर हाउसिंग को उद्योग का दर्जा देने के साथ साथ प्रदेश में लुभावनी लोगिस्टिक तथा वेयर हाउस नीति स्थापित की है।
जिसके कारण प्रदेश वेयर हाउसिंग हब बनने को पूर्ण रूप से तैयार है। उन्होंने ये भी कहा कि डाटा प्राइवेसी तथा उपभोगता सुरक्षा भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। साथ साथ ये भी ध्यान रखना होगा कि अत्यंत डिजिटलीकरण से पारम्परिक किराना व्यापारियों को किसे प्रकार से व्यापारिक क्षति न पहुंचे।
सीआईआई अध्यक्ष सी पी गुप्ता ने यह बताया कि वर्ष 2026 तक ई-कॉमर्स बिज़नेस 200 बिलियन डॉलर का होने की सम्भावना है। अतः न सिर्फ बड़े बल्कि छोटे उद्योगों के लिए भी अपना ग्राहक आधार बढ़ने के लिए यह एक सुनहरा अवसर है।
सीआईआई यूपी ई-कॉमर्स पैनल अध्यक्ष हसन याकूब ने बताया कि उत्तर प्रदेश देश में सबसे बड़े विक्रेता के रूप में उभर रहा है। अधोरचनात्मक विकास, कौशल विकास, तथा अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाने के साथ साथ कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हसन ने राज्य सरकार से ई-कॉमर्स कंपनियों को, उनके त्वरित सेवा तथा व्यापक पहुंच होने के कारन, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार का हिस्सा बनाने का अनुरोध किया।
सीआईआई उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष विनम्र अग्रवाल और टेक्निकल एसोसिएट्स निदेशक ने बताया उत्तर प्रदेश की MSME इकाइयां डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में एक हम भूमिका निभाती है। सीआईआई ई-कॉमर्स कांफ्रेंस के माध्यम से इस क्षेत्र से जुड़े कई विषयों पर चर्चा परिचर्चा हुई। जिसमे ई-कॉमर्स के माध्यम से सभी उत्पादनों की डिलीवरी की मांग और ई-कॉमर्स कंपनियों को कर में छूट के माध्यम से प्रोत्साहन देना शामिल है।