मनुष्य के शरीर की सारी कार्यप्रणाली उसके मस्तिष्क पर ही निर्भर करती है .मानसिक स्वास्थ्य हमारे जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित करता है. कोरोना वायरस का प्रकोप और उसके बाद के लॉकडाउन ने लोगों के जीवन को हर तरह से प्रभावित किया है. लेकिन सबसे ज्यादा असर लोगों के दिलो-दिमाग पर पड़ा है.
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है इंसान के लिया घर पर पूरी तरह रहना आसान नहीं है. लेकिन कोरोना के दौरान घर रहने से मनुष्य के स्वाभाव पर काफी बुरा असर पड़ा है. पहले की तुलना में इंसान का स्वाभाव आज काफी चिड़चिड़ा हो गया है. हेल्थ विशेषज्ञों के अनुसार लंबे समय तक घर रहने से कई तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे एंग्जाइटी, डिप्रेशन और यहां तक कि डेमेशिया के लक्षण लोगों में पाए गए हैं.
मानसिक स्वास्थ्य क्यों ज़रूरी है?
हमारा मानसिक स्वास्थ्य यह निर्धारित करने में भी मदद करता है कि हम तनाव से कैसे निपटते हैं और जीवन में कैसे संतुलन बनाए रखते हैं. बचपन से लेकर किशोरावस्था से लेकर वयस्कता और उम्र बढ़ने तक, जीवन के हर कदम में मानसिक स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है. मानसिक बीमारी एक ऐसी बीमारी होती है जो किसी भी व्यक्ति की सोच, स्वाभाव , व्यवहार आदि में बदलाव ला देता है. डिप्रेशन, तनाव, डिसऑर्डर इसी मानसिक बीमारी का एक हिस्सा है. ऐसी स्थिति अगर लगातार कुछ समय तक बनी रहती है तो वह किसी इंसान की दिनचर्या को नकारात्मक रूप से बदलने लगती है.
मानसिक स्वास्थ्य को कैसे सुधार सकते हैं?
मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हुई किसी भी प्रकार की समस्या से बचे रहने के लिए सबसे पहले आपको अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि आप किसी भी प्रकार की बीमारी से सुरक्षित रहें. किसी भी बीमारी से ग्रसित होने के कारण लगातार आप उस बारे में भी सोचते रह सकते हैं और आप के दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव ही हावी रहेगा जिसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा साबित होगा.
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