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जानिए: क्यों भारत के आजाद होने के दो दशक बाद आजाद हुआ था गोवा

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पणजी। भारत ही क्या अगर विदेश से आने वाले पर्यटकों से भी पूछा जाए कि भारत में उनके घुमने की सबसे मनपसंद जगह कौन सी है तो वो भी सबसे पहले गोवा का ही नाम लेंगे। क्योंकि गोवा भारत की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक माना जाता है। भारत जितना जिंदादिल है उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत है। भारत में प्राकृति कूट-कूट कर भरी है। अगर भारत में घुमने के लिए निकल जाएं तो आपको पता चलेगा कि भारत कितना खूबसूरत है। भारत में ऐसे कई जगह है जहां लोग जाना पंसद करते हैं। उनमें गोवा का नाम भी एक है। यहां एक से एक सुंदर समुद्री किनारे हैं। ज्यादातर लोगों की छुट्टियां बिताने के लिए यह मनपसंद जगह है। लेकिन क्या आप इसके इतिहास से वाकिफ हैं।

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बता दें कि गोवा या गोआ क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है। पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 सालों तक शासन किया और दिसंबर 1961 में यह भारतीय प्रशासन को सौंपा गया। भारत ने 1947 में अंग्रेजों से आजादी पाई तो भारतीय सरकार ने अनुरोध किया कि भारतीय उपमहाद्वीप में पुर्तगाली प्रदेशों को उन्हें सौंप दिया जाए। किंतु पुर्तगाल ने अपने भारतीय परिक्षेत्रों की संप्रभुता पर बातचीत करना अस्वीकार कर दिया। इस पर 18 दिसंबर 1961 को भारतीय सेना ने गोवा में ऑपरेशन विजय की शुरुआत की। 19 दिसंबर को भारतीय सेना के आगे पुर्तगाली सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया और गोवा पर से अपना अधिकार छोड़ा।

वहीं गोवा अपनी लोकेशन की वजह से अंग्रेजों को शुरू से ही आकर्षित करता रहा है। मुगलशासन में भी राजा इसकी खूबसूरती पर काफी आकर्षित थे। गोवा के लंबे इतिहास की शुरुआत तीसरी सदी इसा पूर्व से शुरु होता है जब यहां मौर्य वंश के शासन की स्थापना हुई थी। बाद में पहली सदी के शुरुआत में इस पर कोल्हापुर के सातवाहन वंश के शासकों का अधिकार स्थापित हुआ और फिर बादामी के चालुक्य शासकों ने इस पर वर्ष 580 से 750 तक राज किया। इसके बाद के सालों में इस पर कई अलग अलग शासकों ने अधिकार किया। वर्ष 1312 में गोवा पहली बार दिल्ली सल्तनत के अधीन हुआ लेकिन उन्हें विजयनगर के शासक हरिहर प्रथम द्वार वहाँ से खदेड़ दिया गया। अगले सौ सालों तक विजयनगर के शासकों ने यहां शासन किया और 1469 में गुलबर्ग के बहामी सुल्तान द्वारा फिर से दिल्ली सल्तनत का हिस्सा बनाया गया।

साथ ही 1510 में पुर्तगालियों ने एक स्थानीय सहयोगी, तिमैया की मदद से सत्तारूढ़ बीजापुर सुल्तान यूसुफ आदिल शाह को पराजित किया। उन्होंने वेल्हा गोवा में एक स्थायी राज्य की स्थापना की। यह गोवा में पुर्तगाली शासन का प्रारंभ था जो अगली साढ़े चार सदियों तक चला। 1843 में पुर्तगाली राजधानी को वेल्हा गोवा से पंजिम ले गए। मध्य 18 वीं शताब्दी तक, पुर्तगाली गोवा का वर्तमान राज्य सीमा के अधिकांश भाग तक विस्तार किया गया था।

इतना ही नहीं आजादी के करीब 14 साल बाद आजाद होकर भारत में शामिल हुआ गोवा भारत का एक नया राज्य बना। 30 मई 1987 में केंद्र शासित प्रदेश को विभाजित किया गया और गोवा भारत का 25वां राज्य बनाया गया। जबकि दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश ही रहे।

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