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Eid Mubarak 2018: क्यो मनाते हैं ईद, नहीं पता तो जाने कारण

Untitled 183 Eid Mubarak 2018: क्यो मनाते हैं ईद, नहीं पता तो जाने कारण

नई दिल्ली।  ईद मुस्लिमों का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। लोग बड़े ही प्यार से इस पावन त्योहरा को मनाते हैं। हिन्दी में ईदो को त्योहार या पर्व कहा जाता है। इस दिन लोग आपस में गले मिलकर और गिले शिकवे भुलाकर इस त्योहार को मनाते हैं। ये एक ऐसा दिन होता है जब वो खुशियां मनाते हैं, दावत का लुत्फ उठाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और ईदगाह जाकर खुदा की इबादत करते हैं।

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मज़ान की आखिरी रात बताता है 

सिर्फ मुसलमान ही नहीं सभी धर्मों के लोग ईद के जश्न में बढ़-चढ़कर हिस्‍सा लेते हैं। ईद का दिन चांद तय करता है। रमज़ान की आखिरी रात का चांद ही बताता है कि अगले दिन ईद होगी या नहीं। इस बार भारत में केरल राज्य को छोड़कर ईद 16 जून को मनाई जा रही है।

पहली बार 624 ईस्वी में मनाई गई 

पर क्या आपको पता है कि ईद क्यो मनाई जाती है। आज हम आपको बताने वाले हैं कि दरअसल ईद क्यो मनाई जाती है। कहते हैं कि, पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र के युद्ध में विजय हासिल की थी, इसी खुशी में ईद उल-फितर मनाई जाती है। माना जाता है कि पहली बार ईद उल-फितर 624 ईस्वी में मनाई गई थी। इस दिन मीठे पकवान बनाए और खाए जाते हैं।

अपने से छोटों को ईदी दी जाती है। दान देकर अल्लाह को याद किया जाता है। इस दान को इस्लाम में फितरा कहते हैं। इसीलिए भी इस ईद को ईद उल-फितर कहा जाता है। इस ईद में सभी आपस में गले मिलकर अल्लाह से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं।

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