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चीन में अपना ही गर्भनाल क्यों खा रहीं औरतें?, गर्भनाल-मर्दानगी का क्या है कनेक्शन?

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चीन पुरी दुनिया में अपने अजीबों-गरीब खाने के लिए जाना जाता है। यही कारण है कि, जब चीन के वुहान शहर से कोरोना फैला तो चीन के खाने की दुनियाभर में आलोचना हुई। जिसको लेकर चीन की तरफ से सफाई भी आयी। जिसमें कहा गया कि, उन्होंने कोरोना को देखते हुए कई चीजों खाना बंद कर दिया है।लेकिन इस बीच चीन के खाने को लेकर अब जो खबर आयी है। उसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। और हो सकता है कि, आपको उल्टी भी हो जाए। क्योंकि आप तक सही खबर पहुंचाना हमारा कर्तव्य है। इसलिए ये खास जानकारी आप तक हम पहुंचा रहे हैं।
चीन में मां की गर्भनाल बड़े ही चाव से खाई जाती है।

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चीन का मानना है कि, गर्भनाल में काफी सारे पोषक तत्व होते हैं और इन्हें खाना फायदेमंद रहता है। यही वजह है कि इस देश में न केवल मांएं अपना प्लेसेंटा खा रही हैं, बल्कि अस्पताल में ही इसे चुराकर ऊंची कीमत पर बेचा भी जा रहा है।चीनी इसे एक प्रैक्टिस बताते हैं जिसे प्लेसेंटोफगी कहा जाता है। चीनी इस प्लेसेंटा को अपनी परंपरागत दवाओं की तरह ही भारी कीमत पर बेचते हैं। इसका सूप बना कर खाया जाता है। इसे सूखा कर दवा की तरह बेचा जाता है। चीनी मानते हैं कि इसको खाने से महिलाओं को बच्चा जन्म देने के बाद तनाव और डिप्रेशन से छुटकारा मिलता है और पुरुष इसे नपुंसकता के इलाज के लिए इस्तेमाल करते हैं।

यही कारण है कि इनकी कीमत काफी ज्यादा होती है। ये भी कहा जाता है कि चीन में ये अभी से नहीं बल्कि 1500 सालों से खाया जाता है, इसके प्रमाण भी चीनियों के पास हैं।भले ही चीनी प्लेसेंटा को खाने के फायदे बताता है लेकिन इसको लेकर अभी तक कोई मेडिकल प्रमाण नहीं मिले हैं बल्कि डॉक्टरों में इसको खाना हानिकारक बताया है क्योंकि इसमें कई वायरस हो सकते हैं। इस बारे में टेक्सास यूनिवर्सिटी अस्पताल का कहना है कि प्लेसेंटा मां से बच्चे तक पहुंचने वाले पोषण को फिल्टर करती है और इसलिए इसें कई खतरनाक बैक्टीरिया और वायरस छिपे होते हैं और इसे खाने से बीमारियां लग सकती है।

प्लेसेंटा खाने को लेकर साल 2016 में सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के एक शोध में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए है। यह शोध के लिए एक ऐसी ऐसे मां को लिया गया, जिसके बच्चे के खून में गंभीर किस्म का इन्फेक्शन पहले से मौजूद था। शोध में पता चला कि ये बच्चे को तब हुआ जब मां बच्चे के जन्म के बाद रोज प्लेसेंटा से बने कैप्सूल खा रही थी। इस दौरान वो बच्चे को दूध पिलाती थी और इसी वजह से बच्चे तक इन्फेक्शन पहुंच गया।

क्या होता है गर्भनाल?
ये मां के शरीर में गर्भाशय के बाहरी हिस्से से जुड़ा होता है जो बच्चे से एक नाल के सहारे जुड़ता है। प्लेसेंटा गर्भावस्था के दौरान मां से भ्रूण तक पोषण पहुंचाने का जरिया है। इसी की वजह से बच्चा मां के गर्भ में जीवित रहता है और बढ़ता है।
मां के शरीर का ये हिस्सा मां और बच्चे को जोड़ने का काम करता है. मां जो भी पोषण लेती है वो गर्भनाल के जरिए फिल्टर होकर भ्रूण तक जाता है। शिशु के जन्म के बाद नाल खुद ही सूखकर गिर जाती है।

अब माना जाने लगा है कि इस नाल से बच्चे को कई गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है। या इससे उसकी मेडिकल हिस्ट्री भी समझी जा सकती है। यही प्लेसेंटा अब शिशु जन्म के बाद मांएं भी खाने लगी हैं। माना जाता है कि इससे ब्रेस्टफीडिंग में आसानी होती है और पोस्ट नेटल डिप्रेशन से भी बचाव होता है।

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इस खबर के सामने आने से चीन की काफी आलोचना हो रही है। क्योंकि प्रमाणिक तौर पर गर्भनाल खाने के फायदे नहीं है। इसलिए लोग तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

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