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जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव क्यों नहीं लड़ी BSP, जानिए मायावती का दिलचस्प जवाब

Mayawati 5 जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव क्यों नहीं लड़ी BSP, जानिए मायावती का दिलचस्प जवाब

लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में पंचायत चुनाव के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर गहमागहमी मची हुई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के करीब 17 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध चुने जाएंगे। हालांकि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। सपा का आरोप है कि बीजेपी (BJP) सत्ता के दम पर मनमानी कर रही है। इस बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव से दूरी बना ली है। ऐसे में बसपा पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। जिसको लेकर बसपा मुखिया मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस की है।

बसपा मुखिया मायावती (Mayawati) ने जिला पंचायत अध्यक्ष, विधानसभा चुनाव और गंठबंधन की स्थिति पर अपनी राय रखी है। बसपा ने क्लियर कर दिया है कि विधानसभा चुनाव में वो अकेले उतरेगी। गठबंधन की संभावनाओं को मायावती ने फिलहाल खारिज कर दिया है। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव ना लड़ने को लेकर मायावती ने दिलचस्प बयान दिया है।

जिसकी सत्ता उसके जिला पंचायत अध्यक्ष, सरकार बनी तो खुद आएंगे बीएसपी में: मायावती

बसपा सुप्रीमो ने कहा है कि जिला पंचायत चुनाव में उन्होंने इसलिए उम्मीदवार नहीं उतारे, क्योंकि जिसकी सरकार होती है उसी के जिला पंचायत अध्यक्ष चुने जाते हैं। ज्यादातर अध्यक्ष सत्ता के साथ होते हैं। उन्होंने कहा कि बसपा की सरकार बनते ही ये सभी जिला पंचायत अध्यक्ष पार्टी में खुद आकर शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत चुनाव में ताकत और समय लगाने से बेहतर यह है कि हम संगठन को मजबूत बनाएं और जनाधार को बढ़ाने पर फोकस करें।

बीजेपी पर साधा निशाना, दी चेतावनी

मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सत्ताधारी भाजपा को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा भी गलतियां कर रही है जो सपा ने की थीं। सपा और भाजपा की शैली एक ही है। इस तरह की शैली से लोकतंत्र की जड़ें कमजोर होती हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी को अपनी कार्यशैली में सुधार लाना चाहिए। लोकतंत्र के मूल्यों को बचाना भाजपा सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। लेकिन, लगातार बीजेपी इसे कमजोर कर रही है। इसका सबक जनता इन्हें जरूर सिखाएगी।

बसपा ने कभी धांधली नहीं की

बसपा मुखिया ने कहा कि सबसे लोकतांत्रिक तरीका हमारी सरकार ने अपनाया था। सरकार होने के बाद भी किसी भी चुनाव में हमने लोकतंत्र के मूल्यों से परे होकर काम नहीं किया। चुनाव छोटा रहा हो या बड़ा, हमने कभी सत्ता का दुरूपयोग नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि आगे भी हमारी पार्टी इसी तरह से काम करेगी।

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