September 26, 2023 11:59 am
featured देश

त्रिपुरा में क्यों निशाना बनाए जा रहे मुसलमान, क्या है हमलों की वजह?

tirupura त्रिपुरा में क्यों निशाना बनाए जा रहे मुसलमान, क्या है हमलों की वजह?

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमले से गर्माई सियासत अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि भारत के उत्तर पुर्वी राज्य में त्रिपुरा के नाकोटी जिले के सीमा से सटे शहर में रहने वाले कारोबारी मन्नान का कहना है कि रात को भीड़ ने उसके घर पर धावा बोल दिया। घर में तोड़ फोड़ मचा दी। उनके परिवार को घर छोड़कर भागना पड़ा। वह घर में नहीं थे वह घर से बाहर त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में थे। बांग्लादेश की सीमा से लगा त्रिपुरा में एक हफ्ते से हिंसा फैली हुई है। यहां रहने वाले मुस्लमानों पर हमले मस्जिदों में तोड़फोड़ और लोगों के धमकाने के कई मामले सामने आ चुके हैं।

Tripura 3 त्रिपुरा में क्यों निशाना बनाए जा रहे मुसलमान, क्या है हमलों की वजह?

मीडिया रिपोर्ट और स्थानीय लोगों को कहना है कि त्रिपुरा की कम से कम 1 दर्जन से ज्यादा मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है। और की मुस्लमानों के घरों और कारोबार पर हमला किया गया है। फिलहाल किसी के गिरफ्तार किए जाने की कोई खबर नहीं है। त्रिपुरा में ज्यादातर आबादी हिंदुओं की है और मुस्लमान वहां पर अल्पसंख्यक है। इनमें ज्यादातर हिंदु बांग्लादेश से आए हुए हैं। बांग्लादेश में हाल ही में हिंदुओं पर कई हमले हुए हैं। लोग मुस्लमानों पर हो रहे हमले को हिंदुओं पर हुए हमले की प्रतिक्रिया के तौर पर देख रहे हैं।

मामला क्या है?

हमले से एक रात पहले विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के सदस्यों ने कथित तौर पर उनके घर पर भगवा झंडा लगाया था। अब्दुल मन्नान एक जाने-माने कारोबारी हैं और राज्य की विधानसभा के एक सदस्य के ख़ास रिश्तेदार हैं। बावजूद इसके वो अपने घर पर हमले को रोक नहीं पाए। वो कहते हैं, ”जहां हम रहते हैं वहां मुसलमानों के सिर्फ़ 5-10 घर ही हैं। अगर हमले नहीं रुके तो हमें ऐसी जगह जाकर रहना पड़ेगा जहां मुसलमानों की अच्छी आबादी हो।

Tripura Hindu Muslim त्रिपुरा में क्यों निशाना बनाए जा रहे मुसलमान, क्या है हमलों की वजह?

वहीं त्रिपुरा में मुसलमानों की आबादी दस प्रतिशत से भी कम है। यहां मुसलमान किसी एक जगह नहीं रहते हैं बल्कि पूरे प्रांत में फैले हुए हैं। त्रिपुरा पिछले कई सालों से शांतिपूर्ण रहा है लेकिन यहां स्थानीय हिंदू आबादी और शरणार्थियों के बीच हिंसा का इतिहास रहा है।

Related posts

भारत के लिए कितनी बेहतर है फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन, जानें कोरोना के रोकथाम में कितनी कारगार

Trinath Mishra

निवेशकों के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शुरू की नई योजना, जानें क्या होगा ख़ास

Kalpana Chauhan

रूद्राक्ष से जुड़े ये रहस्य जान लिए तो हो दूर हो जाएंगे सारे कष्ट और बीमारियां..

Mamta Gautam