नई दिल्ली। नोटबंदी का असर साफतौर पर थोक मंहगाई दर पर पड़ा है। फूड आइटम और सब्जियों की कीमतों में आई गिरावट के कारण महंगाई दर में नरमी दर्ज की गई है और इसका मुख्य कारण कैश की किल्लत को बताया जा रहा है। नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित सालाना महंगाई दर नवंबर में घटकर 3.15 प्रतिशत दर्ज की गई जो कि अक्टूबर में 3.39 प्रतिशत थी। हलांकि केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से थोक मूल्य सूचकांक पर जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल नवंबर में सालाना महंगाई दर 2.04 प्रतिशत थी।
एक दिन पहले केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने बताया था कि देश की वार्षिक खुदरा महंगाई दर में भी नवंबर में गिरावट दर्ज की गई। अक्टूबर के 4.20 प्रतिशत के मुकाबले नवंबर में यह 3.63 प्रतिशत रही।बता दें कि करंसी बैन को लेकर नवंबर में लोगों के पास कैश की किल्लत रही जिसका असर सीधेतौर पर थोक बाजार पर पड़ा। लोगों ने ज्यादातर समान खरीदने के लिए शॉपिंग मॉल या फिर ऑनलाइन का सहारा लिया जिसकी वजह से थोक बाजार में भारी गिरावट हुई।