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बिहारः एनडीए के अन्दर लोकसभा चुनाव के नेतृत्व को लेकर गरमागर्मी, बाहर से दिखावे में हालात अच्छे

anda बिहारः एनडीए के अन्दर लोकसभा चुनाव के नेतृत्व को लेकर गरमागर्मी, बाहर से दिखावे में हालात अच्छे

लोकसभा चुनाव के एक साल पहले ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सियासी टकराव बढ़ता जा रहा है। जहां एकतरफ महाराष्ट्र में शिवसेना ने भाजापा विरोधी स्वरों को बुलंद किया। वहीं दूसरी ओर आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू ने भी एनडीए गठबंधन से किनारा कर लिया है। और अब बिहार में भी 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए का चेहरे और सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए का सबसे बड़ा दल, बीजेपी पार्टी और अन्य  एनडीए के घटक दलों के बीच “एनडीए का नेता कौन होगा” इस पर तो बहस जोर पकड़ रही है।

 

anda बिहारः एनडीए के अन्दर लोकसभा चुनाव के नेतृत्व को लेकर गरमागर्मी, बाहर से दिखावे में हालात अच्छे
Picture credit-NDTV

 

एनडीए घटक दलों में शामिल सभी पार्टियां

एनडीए घटक दलों में शामिल सभी पार्टियां अधिक से अधिक सीटों पर अपनी दावेदारी कर रही हैं। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (युनाइटेड) राज्य में खुद को “बिग ब्रदर” के रूप में पेश कर भारतीय जनता पार्टी पर दबाव की कोशिश कर रही है। हलांकि जडीयू के वरिष्ठ नेता केसी़ त्यागी का कहना है कि ‘सीटों के बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है। बिहार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में इससे कौन इन्कार कर सकता है कि बिहार में नीतीश ही एनडीए का चेहरा हैं। त्यागी ने बिहार विधानसभा मेंएनडीए के घटक दलों में जेडीयू को सबसे बड़ी पार्टी बताया है,और कहा लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर अभी कोई बातचीत शुरू नहीं हुई है। हमें उम्मीद है कि जब यह शुरू होगी तो इसका सकारात्मक हल निकलेगा।

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लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा)

लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता पशुपति कुमार पारस ने स्पष्ट कहा कि जीती हुई सीटें छोड़ने का सवाल नही उठता है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में नेतृत्व को लेकर पूछे गए प्रश्न के जवाब में कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।

सांसद चिराग पासवान लोकसभा चुनाव में नीतीश के नेतृत्व को नकारा

लोजपा के प्रमुख रामविलास के पुत्र और सांसद चिराग पासवान हालांकि लोकसभा चुनाव में नीतीश के नेतृत्व को नकारते हुए कहते हैं कि राजग की तरफ से लोकसभा का चुनाव नरेंद्र मोदी के नाम पर ही लड़ा जाएगा। विधानसभा चुनाव का चेहरा नीतीश कुमार हो सकते हैं।चिराग ने कहा नेतृत्व को लेकर राजनीति की जा रही है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा बिहार में चुनाव का चेहरा सुशील मोदी और रामविलास पासवान क्यों नहीं हो सकते?  इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सधे हुए अंदाज में कहते हैं कि राजग में कोई परेशानी नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘दल मिल गए हैं तो दिल मिलने में भी परेशानी नहीं है. डबल इंजन की सरकार बिहार में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों के चेहरे पर जनसमर्थन मांगेगी। सीटों के तालमेल में भी कोई मुश्किल नहीं होगी। आपको बता दें कि गुरुवार शाम को भाजपा द्वारा भोज का आयोजन किया गया जिसमें सभी घटक दल के नेता शामिल हुये। लेकिन आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा ने हिस्सा नहीं लिया।

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बिहार में एनडीए एकजुट हैं और रहेगा

लेकिन आज उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में एनडीए एकजुट हैं और रहेगाकुशवाहा आज सुबह पटना पहुंचे और उन्होंने पत्रकारों से पूछा कि गुरुवार के भोज में शामिल नहीं होने पर केवल उन्हीं से सवाल क्यों पूछा जा रहा है।फिर उन्होंने जवाब दिया कि वो कुछ निजी कार्यक्रम में व्यस्तता के कारण पटना नहीं आ सके।

बिहार में राजग की पहली पारी में जेडीयू बड़े भाई की भूमिका में रही है

गौरतलब है कि बिहार में राजग की पहली पारी में जेडीयू बड़े भाई की भूमिका में रही है। साल 2009 में जेडीयू और भाजपा ने साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था, उस दौरान बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों में से जदयू ने 25 तो भाजपा ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा था।लेकिन साल 2014 में जेडीयू एनडीए से अलग हो गई। उसे लोकसभा चुनाव में मात्र दो सीटों पर ही संतोष करना पड़ा जबकि उस चुनाव में भाजपा नेतृत्व वाली राजग(राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने 31 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी।

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