कोरोना महामारी को लेकर सभी चिंतित हैं और जल्द से जल्द वैकसीन का इंतजार कर रहे हैं. दुनियाभर के वैज्ञानिक, वैकसीन बनाने में लगे हुए हैं. कई टीकों के ट्रायल अंतिम दौर में हैं. वहीं एक बार फिर से WHO यानि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रेमडेसिवीर को लेकर चेतावानी दी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एंटी-वायरल दवा रेमडेसिवीर को लेकर चेताया है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोरोना मरीजों के उपचार के लिए रेमडेसिवीर का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए, इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि मरीज़ कितना बीमार है क्योंकि इसका जीवित रहने के अवसर पर “कोई महत्वपूर्ण प्रभाव” नहीं पड़ता है.
डब्ल्यूएचओ गाइडलाइन डेवलपमेंट ग्रुप (GDG) के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने कहा कि वर्तमान में मौजूद डेटा से इस बात कोई सबूत नहीं मिलता है कि रेमडेसिवीर मरीज़ के अहम परिणामों में सुधार करता है.
पहले भी WHO ने चुका है चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रेमडेसिवीर और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) समेत चार दवाओं को कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के इलाज में बहुत कम प्रभावी बताया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 के इलाज में चार ख़ास दवाएं कितनी कारगर हैं इसे लेकर विस्तृत परीक्षण किया था. रेमडेसिवीर वो पहली दवा थी जिसे कोरोना वायरस के इलाज के लिए सबसे पहले इस्तेमाल किया गया था. ये दवा हाल में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इलाज में भी इस्तेमाल हुई थी. रेमडेसिवीर की निर्माता कंपनी गिलिएड ने डब्ल्यूएचओ के अध्ययन में आए परिणामों को खारिज किया था.
बता दें अमेरिका, यूरोपीय संघ और अन्य देशों ने रेमडेसिवीर के अस्थायी उपयोग को मंजूरी दी हुई है.