यूपी ने कोरोना महामारी को लेकर देश में सबसे ज्यादा जांच की है. जिसे लेकर अब विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि कि WHO ने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की. डब्ल्यूएचओ की ओर से कहा गया है कि उच्च जोखिम वाले संपर्कों की प्रारंभिक जांच और उनकी ट्रैकिंग करके उत्तर प्रदेश को Covid-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ने में काफी मदद मिली है.
भारत का सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य होने के नाते, 199 812 341 से अधिक की आबादी के साथ (2011 की जनगणना के अनुसार), COVID-19 के खिलाफ इसकी लड़ाई विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण रही है.
डब्ल्यूएचओ की ओर से कहा गया कि कोरोना महामारी से निपटना उत्तर प्रदेश जैसे किसी बड़े राज्य के लिए चुनौतीपूर्ण था. ऐसे में राज्य सरकार ने योजना के तहत लोगों की जांच की. कोरोना मरीजों के संपर्क में आए लोगों का पता करके उनकी जांच की गई और बेहतर निगरानी के चलते काफी सफलता मिली.
सोमवार को प्रमुख सचिव स्वास्थ्य आलोक कुमार ने भी बताया कि डब्ल्यूएचओ ने उत्तर प्रदेश में 70 हजार मेडिकल टीमें गठित कर डोर टू डोर सर्विलांस मेथड को बेहद कारगर बताया है. उन्होंने बताया कि यूपी में एक कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए कम से कम 20 लोगों का कोविड टेस्ट कराया जा रहा है. अब उत्तर प्रदेश में स्थिति ये हैं कि देश की सर्वाधिक आबादी वाले प्रदेश में कोरोना पॉजिटिविटी रेट सिर्फ 1.4 प्रतिशत है। जिससे गृह मंत्रालय ने भी यूपी के प्रयासों की तारीफ की है. इसके विपरीत राजधानी दिल्ली और हरियाणा में रोजाना बड़ी संख्या में नए कोरोना मरीज मिल रहे हैं.