नई दिल्ली। देश के सर्वोच्च पद के लिए अब राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। पक्ष विपक्ष लगातार अपने खेमों में पार्टियों को लामबंद करने के प्रयास में जुट गये हैं। भाजपा की अगुवाई वाले राजग ने जहां अब अपने उम्मीदवार के चयन के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है। इसके साथ ही अब वह राष्ट्रपति के उम्मीदवारों के नामों को लेकर साथी घटक पार्टियों के साथ मंथन करेगा।
वहीं विपक्ष ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसके पहले विपक्ष ने चाय पर सभी पार्टी के लोगों को बुलाकर अपनी रणनीति के बारे में विचार विमर्श किया था। इसके बाद इसकी समीक्षा के लिए सभी पार्टियों से एक सदस्य का चयन कर दिया है। जिसका दायित्व इस चुनाव की प्रक्रिया को सम्पन्न करना होगा।
एनडीए का दांव
आज से देश में राष्ट्रपति के चुनाव के लिए अधिसूचना लागू हो गई है। इसके साथ ही सभी दलों में काफी तेजी आ गई है। राजग की ओर से इस क्रम में गठित किए गई कमेठी के सदस्य केंद्रीय शहरी विकास व सूचना व प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने बुधवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात में अपने सहयोगी दलों के साथ उम्मीदवार पर सहमति बनाने के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। मुलाकात के बाद नायडू ने साफ किया कि हम आने वाले समय में दूसरे दलों से भी इस बारे में बातचीत करेंगे। इसके अलावा वित्त मंत्री के आने के बाद इस समिति के तीनों सदस्य इस दिशा में सार्थक प्रयास कर सभी के सहयोग से इस चुनाव में प्रत्याशी उतारेंगे।
विपक्ष ने कसी कमर
वहीं विपक्ष की ओर से भी इसके पहले से ही राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपने सहयोगी दलों की लामबंदी शुरू की जा चुकी थी। इसी के मद्देनजर कांग्रेस की अध्यक्ष सोनियां गांधी ने सभी विपक्षी दलों को चाय पर आमंत्रित किया था। जिसके बाद इसे विपक्ष की राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियों से देखा जा रहा था। हांलाकि इस टी पार्टी से नीतिश कुमार ने अपनी दूरी बनाई थी। जिसके बाद नीतिश को लेकर अटकलों का बाजार गरम हो गया था। हांलाकि अब विपक्ष ने सभी विपक्षी दलों को लामबंद करने और सभी के प्रस्तावों पर गौर पर सर्वसम्मति से राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का प्रत्याशी उतारने के लिए एक कमेटी गठित की है। जिसमें सभी विपक्षी दलों से लोगों को बतौर सदस्य शामिल किया गया है। गुरूवार को इस कमेटी की बैठक होनी है। जिसके बाद ये कमेटी अपने प्रत्याशियों के नामों पर विचार कर तय करेगी। इसके साथ ही यह अपनी चुनाव को लेकर रणनीति भी तय करेगी।
क्या क्या बातें होंगी अहम
राष्ट्रपति चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस पूरी तरह से जोर अजमाइस कर रही हैं। राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए 5.49 लाख वोटों की जरूरत होती है। फिलहाल बीजेपी गठबंधन के पास 4.57 लाख वोट हैं। ऐसे में भाजपा को अगर यह चुनाव जीतना है तो उसे करीब 92 हजार वोटों की जरूरत है।उधर किसान आंदोलन को लेकर भाजपा और शिवसेना आमने-सामने हैं। तो वहीं विपक्ष अभी तक नीतीश कुमार की स्थिति को लेकर संशय में है। विपक्षी दल के पास मौजूदा समय में करीब 4,02,230 वोट हैं। इस चुनाव को जीतने के लिए विपक्ष को 1,47,212 वोट की आवश्यकता है।
किन के पत्ते खुलने बाकी है
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जारी जद्दोजहद के बीच अभी तक एआईएडीएमके, बीजू जनता दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति, वायएसआर कांग्रेस पार्टी, आम आदमी पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। इनके वोटों पर अगर गौर किया जाये तो , इनके पास 1,59,038 वोट हैं। जो कुल वोटों का 13 फीसदी है। इसके साथ ही ये सभी जिसके पाले में एक जायेंगे उसके का राष्ट्रपति होना तय है। लेकिन इनमें से कई विपक्षी खेमे की तरफ है तो कई ने अपना रूख मौजूदा सरकार की ओर कर रखा है। भाजपा एआईएडीएमके को अपने पाले में ले आती है तो । कांग्रेस के साथ विपक्षी दलों को लिए बड़ी मुशीबत खड़ी कर देगी। ऐसे में कांग्रेस को शिवसेना, एआईएडीएमके, बीजद, आप और वाईएसआर कांग्रेस की ओर देखना पड़ेगा। जिसमें इन दलों के बीच आपसी नाराजगी विपक्ष के लिए भारी पड़ सकती है। उधर नीतीश कुमार को लेकर भी स्थिति अभी साफ नही हैं।
कुल मिलकर राष्ट्रपति चुनाव का बिगुल या रणभेरी बज चुकी है। आने वाले महीने की 20 तारीख को राष्ट्रपति की घोषणा भी हो जायेगी। लेकिन इस दौड़ के लिए सत्ता से लेकर विपक्ष की रेस तेज हो गई है। आखिर रॉयसीना हिल्स पर कौन अब राज करेगा। ये दोनों के लिए प्रतिष्ठा के साथ अपने राजनीतिक भविष्य से जुड़ा प्रश्न भी बन गया है।
अजस्र पीयूष