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कौन हैं एके शर्मा, जिनके नाम से मची यूपी की सियासत में खलबली

कौन हैं एके शर्मा, जिनके नाम से मची यूपी की सियासत में खलबली

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश अब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से करीब-करीब उबर चुका है। लेकिन, इस बीच प्रदेश की राजनीति में उठा-पटक जारी है।

यूपी के सियासी गलियारों की कयास और चर्चाओं एक नाम तेजी से गूंज रहा है.. एके शर्मा यानी अरविंद कुमार शर्मा। यूपी के कैबिनेट में बड़े फेरबदल की चर्चाएं तो हैं… कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि एके शर्मा को विधानसभा चुनाव से पहले डिप्‍टी सीएम यानी उप मुख्‍यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया जा सकता है।

अब जब चर्चाओं और कयासों का दौर चल ही रहा है तो हम आपको ये भी बता देते हैं कि आखिर एके शर्मा हैं कौन?

एके शर्मा यानी अरविंद कुमार शर्मा 1988 बैच के गुजरात कैडर के आइएएस अधिकारी थे। इन्‍होंने गुजरात में वर्ष 2001 से लेकर वर्ष 2013 तक नरेंद्र मोदी के साथ विभिन्न पदों पर कार्य किया है। एके शर्मा ने इसी साल 14 जनवरी को लखनऊ में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की और फिर विधान परिषद सदस्‍य (MLC) बनाए गए।

कहां के रहने वाले हैं एके शर्मा?

अरविंद कुमार शर्मा मूलरूप से उत्‍तर प्रदेश के मऊ जिले के रहने वाले हैं। इनका पैतृक गांव मुहम्मदाबाद गोहना तहसील के रानीपुर विकास खंड अंतर्गत काझाखुर्द है। 11 अप्रैल, 1962 में जन्‍में एके शर्मा के पिता का नाम शिवमूर्ति राय और माता का नाम शांति देवी है। इन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई स्थानीय प्राथमिक विद्यालय ककरहा से की। फिर मऊ के डीएवी इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट तक की शिक्षा ली।

1988 में IAS के लिए चयन

इसके बाद स्नातक अरविंद शर्मा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय का रुख करते हुए पहले ग्रेजुएशन, राजनीति शास्‍त्र में पोस्‍ट ग्रेजुएशन और फिर पीएचडी की। वर्ष 1988 में इनका चयन गुजरात कैडर में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए हो गया। वर्ष 1989 में एके शर्मा की पहली तैनाती एसडीएम पद पर हुई और फिर वह डीएम बने। वर्ष 1995 में वह मेहसाणा के कमिश्‍नर पद पर नियुक्‍त हुए।

नरेंद्र मोदी के सीएम बनने पर बदले सितारे

जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो उनके कार्यालय के सचिव की जिम्मेदारी एके शर्मा के कंधों पर आई। इन्‍होंने इस जिम्‍मेदारी को बखूबी निभाया और यहीं से प्रधानमंत्री मोदी का भरोसा जीतने में कामयाब रहे। वर्ष 2013 में अरविंद शर्मा को पदोन्नत करके मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी दी गई।

इसके बाद जब वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी दिल्ली की सत्ता पर असीन होकर प्रधानमंत्री बने तो एके शर्मा को अपने साथ ले आए। उन्‍हें जून, 2014 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई। जुलाई, 2017 को अरविंद शर्मा एडिशनल सचिव बने और जनवरी, 2021 में वीआरएस लेने के समय एके शर्मा के ऊपर सूक्ष्म, लघु एवं मझोले मंत्रालय के सचिव पद की जिम्मेदारी थी।

14 जनवरी को ली भाजपा की सदस्‍यता

इसके बाद 14 जनवरी को अरविंद शर्मा ने लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली और फिर विधान परिषद सदस्‍य (MLC) बनाए गए। उसी समय उनको प्रदेश का उप मुख्‍यमंत्री बनाए जाने की चर्चा चली, लेकिन कोरोना महामारी के कारण चर्चाएं बंद हो गईं। लेकिन, बीते दिनों मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से एक गुप्त बैठक और फिर दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक निजी बातचीत ने किसी नए समीकरण की ओर इशारा करना शुरू कर दिया।

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