विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. ट्रेडोस एडनॉम घेबियस ने गुरुवार को एक बार फिर से कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन को लेकर लोगों को सचेत करते हुए कहा है। कि ओमिक्रोन डेल्टा की तुलना में कम गंभीर होता प्रतीत हो रहा है। विशेष तौर पर कोरोना की वैक्सीन लगवा चुके लोगों पर यह कम गंभीर है। इसका मतलब यह नहीं है कि पिछले वैरीअंट की तरह इसे माइल्ड यानी हल्का तौर पर रखा जाए।
ओमिक्रोन माइल्ड सामने की ना करें भूल: डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ सचिव ने चेतावनी देते हुए आगे कहा कि ओमिक्रॉन की वजह से लोग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं और उनकी जान भी जा रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वास्तव में मामलों की सुनामी कितनी बड़ी है और तेज है। कि इसके आगे दुनिया भर की स्वास्थ्य प्रणालियां हल्की पड़ रही है।
पहली पीढ़ी के टीकाकरण सभी संक्रमण और संचरण को रोक नहीं सकते। लेकिन ये अस्पतालों में भर्ती होने वाले इस वायरस से होने वाली मौतों को जरूर कम कर सकते हैं।
प्रोटोकॉल का पालन करना है जरूरी: डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ ने आगे कहा कि टीकाकरण के साथ-साथ लोगों को सार्वजनिक स्वास्थ्य सामाजिक उपायों का भी पालन करना अनिवार्य है। जिसमें अच्छी तरह से फिटिंग वाला मास्क पहनना, दूरी बनाए रखना, भीड़ से बचना आदि शामिल है। जो वायरस को सीमित करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।
साथ ही जानकारी को साझा करते हुए डब्ल्यूएचओ ने बताया कि वैक्सीनेशन रोलआउट की वर्तमान गति से, 109 देशों में जुलाई 2022 की शुरुआत तक करीब 70 फ़ीसदी आबादी को पूरी तरह से टीकाकरण किया जा चुका होगा।
पिछले सप्ताह कोरोना के सबसे अधिक दर्ज किए गए मामले
वैश्विक स्तर की बात करें तो पिछले सप्ताह कोविड-19 के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। यह आंकड़े जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के द्वारा साझा किए गए हैं जिसके मुताबिक वैश्विक करना मामलों के आंकड़ 29.7 करोड़ के पार पहुंच गया है, जबकि मौतें 54.6 लाख से अधिक हो गई हैं और टीकाकरण 9.27 अरब से अधिक हो गया है।