प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टी. ए. गेब्रेयेसस ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर जारी साझेदारी के संबंध में बुधवार को चर्चा की और इस दिशा में आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ पारंपरिक औषधियों को शामिल करने पर राजी हुए. प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख से फोन पर बात की और महामारी से निपटने के लिए वैश्विक साझेदारी के समन्वय में संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा की.
बातचीत के दौरान मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि अन्य बीमारियों के खिलाफ लड़ाई से भी ध्यान नहीं हटना चाहिए. साथ ही उन्होंने विकासशील देशों में स्वास्थ्य प्रणाली को संगठन से मिलने वाली सहायता की महत्ता की भी प्रशंसा की. प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने संगठन और भारतीय स्वास्थ्य प्राधिकार के बीच करीबी और नियमित साझेदारी पर जोर किया और आयुष्मान भारत और टीबी के खिलाफ अभियान जैसे घरेलू कदमों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य के संबंध में भारत को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है.
बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री और डब्ल्यूएचओ प्रमुख के बीच पारंपरिक औषधि प्रणाली को लेकर भी सकारात्मक चर्चा हुई, खास तौर से दुनिया भर के लोगों का स्वास्थ्य बेहतर करने और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के संदर्भ में इसपर बातचीत हुई.
WHO के प्रमुख ने एक ट्वीट में लिखा कि ‘मैंने COVAX के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता और COVID-19 वैक्सीन्स को ग्लोबल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. ये महामारी दुनिया के लिए एक अभूतपूर्व चुनौती है और हमने इसे खत्म करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने को सहमति जताई है.’
प्रधानमंत्री ने बातचीत के दौरान संगठन के प्रमुख को बताया कि ‘कोविड-19 के लिए आयुर्वेद’ थीम के आधार पर 13 नवंबर को देश में आयुर्वेद दिवस मनाया जाना है. बाद में ट्वीट कर विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने विभिन्न बातों और प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.