लखनऊ: रक्षाबंधन का त्यौहार आने वाला है, रविवार 22 अगस्त को पूरे देश में धूमधाम के साथ भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का यह पर्व मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाई के हाथ पर एक पवित्र धागा बांधते हैं और भाई उनकी हमेशा रक्षा करने का वचन लेते हैं।
राखी के धागे का बहुत महत्व है, समय के हिसाब से यह धागा अपना रंग रूप बदलता रहता है। आज के दौर में राखी सोने, चांदी और अन्य धातु का इस्तेमाल करके बनाई जाने लगी है। लोग अपनी जरूरत और आर्थिक मजबूती के आधार पर इन्हें खरीदते हैं, लेकिन सभी धागों का एक विशेष महत्व होता है। रक्षाबंधन से पहले यह समझना जरूरी है कि किन धागों का हमें राखी बांधने में इस्तेमाल करना चाहिए, हर एक धागा जरूरी नहीं है कि हमारे लिए शुभ हो।
बाजार में आजकल अच्छी दिखने वाली राखियां बड़ी मात्रा में उपलब्ध होती है, जिसमें प्लास्टिक का भी इस्तेमाल किया जाता है। अलग-अलग तरह की कलाकृति और तस्वीरें बनाकर लोगों को आकर्षित करने की कोशिश होती है, लेकिन प्लास्टिक से बनी रखिए बिल्कुल ही लाभकारी नहीं होती। प्लास्टिक की राखियां बांधने से केतु प्रभावित होता है।
विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि काले रंग की राखी का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए। यह रंग किसी भी मांगलिक कार्य में इस्तेमाल नहीं होता। ऐसे में रक्षाबंधन जैसे पवित्र पर्व में काले रंग की राखी बिल्कुल नहीं बांधनी चाहिए। इस पर अलग-अलग तरह की कलाकृति बनी होती है, लेकिन उसका प्रभाव हमारे जीवन में भी पड़ता है। इसीलिए रक्षाबंधन के दिन ऐसा धागा खरीदें, जिस पर बनी कलाकृति शांति और सौहार्द का संदेश दे रही हो।
शास्त्रों को पढ़ने वाले लोग यह भी बताते हैं कि राखी बांधने से ज्यादा पवित्र मन आवश्यक होता है। अगर आपके हाथ पर राखी बांधी है तो उस धागे के साथ एक जिम्मेदारी भी बंध जाती है। ऐसे में यह आवश्यक है कि उस पवित्र रिश्ते को बरकरार रखा जाए और इस पर्व की सुंदरता को किसी भी कार्य से प्रभावित ना किया जाए। अगर कोई भी राखी कटी फटी है या टूटी है तो उसे नहीं खरीदना चाहिए। खंडित राखी बिल्कुल भी शुभ नहीं मानी जाती।