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भारत फीफा विश्व कप कब खेलेगा.? फुटबॉल के क्षेत्र में विश्व में भारत की स्थिति..

फुटबॉल भारत फीफा विश्व कप कब खेलेगा.? फुटबॉल के क्षेत्र में विश्व में भारत की स्थिति..

फ्रांस 20 वर्ष के बाद फीफा विश्व कप जीतकर फुटबॉल की दुनिया का हीरो बन गया है।मालूम हो कि फाइनल मुकाबले में उसने 20वें स्थान की टीम क्रोएशिया को 4-0 से हारकर ट्रॉफी अपने नाम की। लेकिन छोटे से देश क्रोएशिया ने भी गजब का खेल दिखाया और 7वें स्थान की टीम फ्रांस के पसीने छुड़ा दिए।

 

फुटबॉल भारत फीफा विश्व कप कब खेलेगा.? फुटबॉल के क्षेत्र में विश्व में भारत की स्थिति..

क्या कभी भारत फीफा विश्व कप खेल पाएगा..?

भारतीय फुटबॉल प्रेमियों ने टीवी सेट के सामने जमे रहकर अपनी पंसदीदा टीमों को सपोर्ट किया।लेकिन, क्या कभी भारत फीफा विश्व कप खेल पाएगा..?भारत ने क्रिकेट, रेसलिंग, बॉक्सिंग, हॉकी, कबड्डी, बैडमिंटन जैसे खेलों में दुनिया के नक्शे अपना नाम सम्मान से लिया जाता है। लेकिन जब फुटबॉल का नाम सामने आता है तो मायूसी छा जाती है।चिंता का विषय है कि इस ग्लोबल स्पोर्ट में हम शून्य की स्थिति में हैं।

40 लाख की आबादी वाला क्रोएशिया फुटबॉल विश्व कप का उपविजेता है

फीफा रैंकिंग में भारत फिलहाल 97वां स्थान रखता है।लेकिन घाना, सीरिया, युगांडा जैसे देश हमसे आगे हैं। देखा जाए तो 40 लाख की आबादी वाला क्रोएशिया विश्व कप का उपविजेता है।ऐसे में भारत की आबादी तो करीब 300 गुना ज्यादा 130 करोड़ है।

दुनिया के 20 देश क्रिकेट खेलते हैं

देश में खेल संस्कृति नहीं है, ऐसा कहना शायद ठीक नहीं होगा क्योंकि दुनिया के 20 देश क्रिकेट खेलते हैं। और हम उनमें अव्वल हैं। ओलंपिक से लेकर राष्ट्रमंडल खेलों में कम ही सही, लेकिन भारत पदक जीत रहा है। एथलेटिक्स के इवेंट्स में भी भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार हुआ है। लेकिन कमी जरूर है, जिसकी ओर फुटबॉल एक्सपर्ट गौस मोहम्मद इशारा करते हैं।

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फुटबॉल को फैशन से नहीं पैशन के साथ खेलना पड़ेगा-गौस

गौस मोहम्मद का कहना है कि हमें यूरोप को कॉपी करना करना बंद करना पड़ेगा।फुटबॉल को फैशन से नहीं पैशन के साथ खेलना पड़ेगा। फीफा विश्व कप खेलने की संभावनाओं पर वो कहते हैं कि इस सवाल पर लोग हम पर हंसते हैं।लेकिन भारत एक न एक दिन तो फुटबॉल विश्व कप जरूर खेलेगा।गौस ने जोर देते हुए कहा कि हमें देश में संस्थागत फुटबॉल लीग्स शुरू करनी पड़ेंगी। जिससे नई प्रतिभा को खोजा जा सके। उनका मानना है कि जब तक खिलाड़ियों को आर्थिक मदद नहीं दी जाएगी, तब तक गांव-कस्बों के मध्य और निम्नवर्गीय परिवार के बच्चे फुटबॉल की ओर आकर्षित नहीं होंगे।

गौस का कहना है कि इन टूर्नामेंट्स में स्थानीय खिलाड़ियों के लिए जगह नहीं है

देश में फुटबॉल की प्राइवेट लीग्स के बारे में गौस का कहना है कि इन टूर्नामेंट्स में स्थानीय खिलाड़ियों के लिए जगह नहीं है।यहां विदेशी और क्लबों से आए खिलाड़ी ही जगह पाते हैं जिससे फुटबॉल सिर्फ कुछ राज्यों और क्लबों तक सीमित रह गया है। सरकार की कोशिश पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में अंडर-16 जैसे और फुटबॉल विश्व कप कराने की जरूरत है। ताकि भारत के युवा खिलाड़ियों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिले।गौस ने कहा कि हमने जापान और सऊदी अरब जैसी टीमों को हराया है। यह हमारे सामने टिकते नहीं थी। उस दौर पर ओएनसीजी, एसबीआई, पीएनबी की टीम काफी मजबूत हुआ करती थीं। और वहीं से खिलाड़ी निकलकर आते थे।लेकिन जब से संस्थागत लीग बंद हो गईं, तब से नई प्रतिभाओं को मौका मिलना कम हो गया है।

खेल मंत्रालय ज्यादा से ज्यादा इंस्टीट्यूशन लीग्स कराए

गौस कहते हैं कि सरकार को खेल कोटा बंद नहीं करना चाहिए और चाहे किसी भी के नाम से हों खेल मंत्रालय ज्यादा से ज्यादा इंस्टीट्यूशन लीग्स कराए।पूर्व फुटबॉलर और भारतीय महिला टीम के कोच रह चुके अनादि बरुआ ने बताया कि फीफा में 2026 विश्व कप में 32 की से बढ़ाकर 48 टीमों को खेलने की बात की बात की है। एशिया से अब 8 टीमों को मौका मिलेगा।

महेश कुमार यदुवंशी 

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