।। रुद्राभिषेक विषयक ज्ञातव्य सूचना ।।
( रुद्राभिषेक कब करें । कब न करें । )
रुद्राभिषेक के लिए भी कुछ उत्तम योग बनते हैं.
⚘आइए जानते हैं कि कौन सा समय रुद्राभिषेक करने के लिए सबसे उत्तम होता है…
– रुद्राभिषेक के लिए शिव जी की उपस्थिति देखना बहुत जरूरी है.
– शिव जी का निवास देखे बिना कभी भी रुद्राभिषेक न करें, बुरा प्रभाव होता है.
– शिव जी का निवास तभी देखें जब मनोकामना पूर्ति के लिए अभिषेक करना हो.
🌲शिव जी का निवास कब मंगलकारी होता है?
देवों के देव महादेव ब्रह्माण्ड में घूमते रहते हैं. महादेव कभी मां गौरी के साथ होते हैं तो कभी-कभी कैलाश पर विराजते हैं. ज्योतिषाचार्याओं की मानें तो रुद्राभिषेक तभी करना चाहिए जब शिव जी का निवास मंगलकारी हो…
– हर महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया और नवमी को शिव जी मां गौरी के साथ रहते हैं.
– हर महीने कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, अष्टमी और अमावस्या को भी शिव जी मां गौरी के साथ रहते हैं.
– कृष्ण पक्ष की चतुर्थी और एकादशी को महादेव कैलाश पर वास करते हैं.
– शुक्ल पक्ष की पंचमी और द्वादशी तिथि को भी महादेव कैलाश पर ही रहते हैं.
– कृष्ण पक्ष की पंचमी और द्वादशी को शिव जी नंदी पर सवार होकर पूरा विश्व भ्रमण करते हैं.
– शुक्ल पक्ष की षष्ठी और तिथि को भी शिव जी विश्व भ्रमण पर होते हैं.
– रुद्राभिषेक के लिए इन तिथियों में महादेव का निवास मंगलकारी होता है.
शिव जी का निवास कब “”””अनिष्टकारी””” होता है?
शिव आराधना का सबसे उत्तम तरीका है रुद्राभिषेक लेकिन रुद्राभिषेक करने से पहले शिव के अनिष्टकारी निवास का ध्यान रखना बहुत जरूरी है…
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– कृष्णपक्ष की सप्तमी और चतुर्दशी को भगवान शिव””” श्मशान “””में समाधि में रहते हैं.
– शुक्लपक्ष की प्रतिपदा, अष्टमी और पूर्णिमा को भी शिव श्मशान में समाधि में रहते हैं.