क्या न करें- विष्णु पुराण के अनुसार, नवरात्र में व्रत के समय बार-बार पानी पीने, दिन में सोने, तम्बाकू चबाना आदि कार्य नहीं कराना चाहिए। नवरात्र के दिनों बहुत से श्रद्धालु कपड़े धोने, शेविंग करने, बाल कटाने और पलंग या खाट पर सोने से बचते हैं। इन दिनों खाने में छौंक नहीं लगाना चाहिए, कैंची का प्रयोग जहां तक हो सके कम से कम करें। दाढ़ी, नाखून व बाल काटना नौ दिन तक बंद रखें। लहसुन-प्याज का सेवन न करें। यह तामसिक भोजन की श्रेणी में आता है।
सहवास से बचें- पुराणों के अनुसार माना जाता है कि स्त्री के साथ संबंध बनाने से भी व्रत खंडित हो जाता है। यानी नवरात्र में पति-पत्नी को साथ सोने से भी बचना चाहिए। काम भावना और भक्ति दोनों विपरीत हैं, अतः मां की भक्ति करते समय इन दिनों में विशेष ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी प्रकार से काम भावना से बचना चाहिए। पति पत्नी यह प्रयास करें कि वह इन दिनों में अलग सोएं, कोशिश करें कि किसी भी प्रकार से मन पर काबू करें और स्वयं को काम से दूर रखने का प्रयास करे।