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करवा चौथ स्पेशल: जाने महिलाओं के सोलह श्रृंगार का महत्व किस श्रृंगार का क्या है मतलब

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लखनऊ। करवा चौथ का त्योहार सुहागनों के 16 श्रृंगार के लिए भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने को बिल्कुल दुल्हन की तरह सजती हैं। करवाचौथ में सोलह श्रृंगार का क्या महत्व होता है आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं। महिलाओं को सोलह श्रृंगार में मांग टाके से लेकर काजल,कंगना, नथनी सभी सुहाग की निशानियां शामिल होती हैं। सोलह श्रृंगार के इन महत्व को जानने के बाद आप खुद को सजने से नहीं रोक पाएंगी।

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1- महिलाओं के श्रृंगार की शुरूआत होती हैं उनके मांग टीके सो जिसे सुहागन के सिंदूर का रक्षक माना जाता है।

2- इसके बाद आती है बिंदियां जिसे टीके के नीचे लगाया जाता है। जिससे महिला के श्रृंगार में चार चांद लग जाते हैं।

3- काजल महिलाओं के श्रृंगार के लिए बहुत जरूरी होता है। ऐसा माना जाता है कि काजल सुहागन को अशुभ नजरों से बचाता है।

4- महिलाओं के श्रृंगार में चार चाद लग जाते हैं जब वो सुहाग की निशानी नाथुन पहनती है। इससे महिलाओं का चेहरा काफी आकर्षित लगता है।

5- महिलाओं के श्रृंगार में सबसे महत्वपूर्ण और सबसे जरूरी श्रृंगार सुहागन का मंगसूत्र जिसके बिना पूरा श्रृंगार अधुरा है।

6- उसके बाद नंबर आता है कानों के कर्णफूल का जिसे महिलाएं पहनकर काफी सुंदर दिखाई देती हैं।

7- महिलाओं के श्रृंगार में आठवें नंबर आती है महेंदी जिसे पत्नियां अपने पती के नाम की लगाती हैं।

8- उसके बाद बात आती है कंगने की जिसकी आवाज ही सबको बहुत पसंद आती है। इसके बिना महिलाओं का श्रृंगार फीका लगता है।

9- श्रृंगार उसी सुहागन का पूरा होता है जिसके बालों में गजरा हो। क्योंकि ये भी महिलाओं के सोलह श्रृंगार में से एक है।

10- बाजूबंद सुहागन का वो श्रृंगार है जिससे उसके श्रृंगार में चार चांद तो लगते ही हैं साथ ही वो स्वस्थ भी रहती है। हड्डियो के दर्द और नसों को खिचाव को रोकता है।

11- महिलाओं के श्रृंगार में अब बारी आती है अंगूठी की ये भी सुहाग की निशानी मानी जाती है इसे अनामिका में पहना जाता है।

12- कमरबंद एक ऐसा श्रृंगार है जिसे लगाने के बाद महिलाओं का पूरा शरीर सजा हुआ लगता है। इसे तगड़ी भी कहते हैं।

13- महिलाओं के श्रृंगार में सबसे सुंदर माना जाता है उसके पैरों में झम-झम करती पायलों को जो उसके श्रृंगार को दोगूना बढ़ा देता है।

14- बिछिया भी महिलाओं को श्रृंगार में अहम भूमिका निभाते हैं।

15- उसके बाद बारी आती है महिलाओं के कपडों की जो उनको अपने शरीर और प्राकृति के मुताबिक पहनने चाहिए।

16- इत्र को भी महिलाओं के श्रृंगार का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है जिसे लगाने से आपको अपने आस पास अच्छी ऊर्जा का संचालन होता है।

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