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आखिर क्या है डीएसपी देवेंद्र मिश्रा की कथित चिट्ठी का राज, पुलिस का कहना- चिट्ठी पुलिस रिकॉर्ड में है ही नहीं

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कानपुर में शुक्रवार की सुबह गैंगस्टर विकास दुबे के गुंडों के साथ हुई मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों की जान जाने के मामले में जांच जारी है।

कानपुर: कानपुर में शुक्रवार की सुबह गैंगस्टर विकास दुबे के गुंडों के साथ हुई मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों की जान जाने के मामले में जांच जारी है। लेकिन सोमवार को सोशल मीडिया पर एक चिट्ठी सामने आने के बाद काफी हलचल मची। कथित रूप से यह चिट्ठी विकास दूबे पर छापे का नेतृत्व कर रहे डीएसपी देवेंद्र मिश्रा ने तीन महीने पहले अपने सीनियर को लिखी थी। अब पुलिस का कहना है कि यह चिट्ठी पुलिस रिकॉर्ड में है ही नहीं और इसे ढूंढा जा रहा है।

सुबह से वायरल तत्कालीन सीओ देवेंद्र मिश्र की चिट्ठी के संदर्भ में एसएसपी कानपुर द्वारा जांच की गई जिसमें ये चिठ्ठी सीओ, एसपी ग्रामीण, एसएसपी के समस्त कार्यालयों के किसी भी रजिस्टर पर रिसीव नही पाई गई। यह जानकारी एसएसपी कानपुर दिनेश कुमार पी ने दी।

बता दें कि डीएसपी देवेंद्र कुमार मिश्र की यह कथित चिट्ठी सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। यह चिट्ठी उन्होंने तीन महीने पहले तत्कालीन पुलिस चीफ अनंत देव तिवारी को लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने बताया था कि अब निलंबित हो चुके चौबेपुर पुलिस स्टेशन के इंचार्ज या SHO विनय तिवारी कैसे अपराधी विकास दूबे की मदद कर रहे थे और कैसे उसे किसी भी संभावित पुलिसिया कार्रवाई से बचा रहे थे। इस चिट्ठी में उन्होंने तिवारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी।

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इस चिट्ठी को लेकर कानपुर के पुलिस चीफ दिनेश कुमार पी ने सोमवार की रात कहा, ‘मुझे सोशल मीडिया पर वायरल हो रही चिट्ठी के बारे में पता चला है। डीएसपी ऑफिस और कानपुर एसएसपी के ऑफिस में डिस्पैच और रिसीविंग सेक्शन में जांच की गई है, अभी तक इस चिट्ठी का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है और हमें कोई फाइल नहीं मिली है। लेकिन हम इसमें और डिटेल्स की जांच कर रहे हैं और जानकारी मिलने पर हम तथ्य बिल्कुल साझा करेंगे।’

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बता दें कि पुलिस पर हमले के चार दिन होने के बावजूद अभी तक इस केस में मुख्य आरोपी विकास दूबे का कोई अता-पता नहीं है। दूबे पर 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं। सोमवार को उसके सिर पर रखे इनाम भी बढ़ा दिया गया। अब उसकी जानकारी देने वालों को 2.5 लाख का इनाम दिया जाएगा। लेकिन अभी तक उसकी कोई जानकारी सामने नहीं आ पाई है।

हालांकि, सोमवार की शाम तक इस केस में तीन गिरफ्तारियां हुई हैं। सुरेश,नौकरानी रेखा और क्षमा दुबे गिरफ्तार,क्षमा दुबे विकास दुबे की बहू लगती है ,सुरेश वर्मा बदमाशों का हौसला बढ़ा रहा था,पुलिस के छिपने की जानकारी दे रहा था, रेखा जो हरिशंकर अग्निहोत्री की पत्नी है, पुलिस आने की सूचना रेखा ने बदमाशों को दी।

पुलिस का ज्यादा फोकस अभी भी इस मुठभेड़ में पुलिस की संदिग्ध भूमिका पर ही है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या मामले में लोकल पुलिस स्टेशन पर तैनात पुलिसवालों ने दूबे को पुलिसिया कार्रवाई की जानकारी दी थी, जिसके चलते ये आठ पुलिसकर्मी इसमें फंसकर रह गए थे।

चौबेपुर पुलिस स्टेशन के इंचार्ज विनय तिवारी को मामले निलंबित किया जा चुका है। अब सोमवार को तीन और निलंबन की घोषणा हुई है। ये तीन पुलिसकर्मी इसी थाने में तैनात थे। इनपर आरोप है कि ये नियमित रूप से विकास दूबे के कॉन्टैक्ट में थे। अधिकारियों ने बताया है कि पिछले चार दिनों में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों का रिकॉर्ड चेक किया गया है।

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